आजमगढ़ : दीवानी न्यायालय में दलित लड़की के अपहरण तथा बलात्कार के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को सात वर्ष के कारावास तथा 31 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने में से पचीस हजार रुपये अदालत ने पीड़िता को देने का आदेश दिया। यह फैसला शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर दो संतोष कुमार तिवारी ने सुनाया। मामला रौनापार थाना क्षेत्र का है। पीड़ित लड़की के पिता ने 6 अक्टूबर 2012 को रौनापार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके अनुसार उनकी लड़की नई बस्ती रौनापार में एक महाविद्यालय की बीए की छात्रा थी। पीड़िता 10 सितंबर 2012 को महाविद्यालय से जाने के लिए घर से निकली लेकिन शाम तक वापस नहीं आई। परेशान माता-पिता ने कई जगह उसकी खोजबीन की। पीड़िता के पिता पर फोन से धमकी भी दी गई। पुलिस ने जांच के दौरान 14 अक्टूबर 2012 को रौनापार थाना क्षेत्र के बाजार गोसाईं गोसाईं पीड़ित लड़की को बरामद करते हुए मुल्जिम मधुसूदन मौर्य उर्फ मकसूदन पुत्र राम शब्द निवासी गोफी थाना घोसी जनपद मऊ को गिरफ्तार कर लिया। मामले में अभियोजन अधिकारी महेंद्र गुप्ता ने पीड़िता तथा पीड़िता के पिता समेत सात गवाहों को अदालत में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मधुसूदन ऊर्फ मकसूदन को सात वर्ष के कारावास तथा 31 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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