आजमगढ़ :मानदेय नहीं मिलने से नाराज पालिका के आठ वार्डों में आउटसोर्सिंग से रखे गए सफाई कर्मचारी फिर हड़ताल पर चले गए। नतीजा ये हुआ कि आठों वार्डों में सड़क किनारे गंदगी पसरी रही। एक तरफ मानदेय न मिलने से आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारी आंदोलित हैं। वहीं, पुराना टेंडर निरस्त होने से 90 कर्मचारियों के मानदेय का पेंच फंसा हुआ है। इसलिए शनिवार को इन्होंने काम बंद कर दिया। वहीं, नये टेंडर को लेकर प्रशासन और पालिकाध्यक्ष में ठनने के कारण विवाद का हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। पालिका के 25 वार्डों में आठ वार्डों की सफाई के लिए दैनिक सफाईकर्मी रखे गए हैं। हरवंशपुर, सरफुद्दीनपुर, नरौली, सिधारी पूर्वी और पश्चिमी, सिविल लाइंस, रैदोपुर और मड़या मोहल्ले की सफाई इनकी ओर से की जाती है। इसमें कलेक्टेट और कमिश्नरी जैसा महत्वपूर्ण क्षेत्र भी शामिल है। 90 सफाईकर्मियों के जिम्मे इस क्षेत्र की सफाई है। जिस सेवा प्रदाता की ओर से इन कर्मचारियों की आपूर्ति की जाती है। उसके टेंडर पिछले दिनों प्रशासन की ओर से निरस्त कर दिया गया था। प्रशासन की ओर से ई-टेंडरिंग के माध्याम से नया टेंडर करा दिया गया। सेवा प्रदाता बीच में टेंडर रद करने के मामले को लेकर हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट ने मामले में आरबीटेशन में भेज दिया है। नगरपालिका से हुए मौखित समझौते के आधार पर सफाईकर्मी कार्य करते रहे, लेकिन इनको मानदेय नहीं मिल रहा था। नतीजा ये हुआ कि बीच-बीच में यह काम प्रभावित कर विरोध जता रहे थे। प्रशासन से समझाने पर काम कर रहे थे। अब मानदेय न मिलने से नाराज कर्मचारियों ने आठ वार्डों की सफाई व्यवस्था पूरी तरीके से ठप कर दी। नतीजा ये हुआ कि आठों वार्डों में सड़क किनारे शाम तक गंदगी पसरी रही। लावारिस पशु इस पर पूरे दिन मुंह मारते रहे। इसकी फजीहत लोगों को उठानी पड़ी। देर शाम तक मामले का हल नहीं निकला था। वहीँ नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ के बीच भी यह मामला फंसा नजर आ रहा है। विगत 31 जनवरी और एक फरवरी को तत्कालीन अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह ने इसका नया टेंडर करा दिया। इस टेंडर पर नगरपालिकाध्यक्ष शीला श्रीवास्तव ने आपत्ति जताई और टेंडर को निरस्त करने की बात कही। लेकिन वर्तमान अधिशासी अधिकारी एसडीएम सदर ने उक्त टेंडर को मानने की बात कही। दोनों के बीच किसी को भी कार्य आदेश जारी नहीं हो पाया । इस प्रकरण में प्रशांत कुमार भारती, अधिशासी अधिकारीपालिका ने बताया की 31 जनवरी और एक फरवरी को हुए टेंडर की फाइल का अवलोकन करने के बाद मैंने नगरपालिका अध्यक्ष को भेज दी है। इस पर निर्णय अब उन्हें लेना है। वहीँ नगरपालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव ने बताया की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी द्वारा किये गए इस टेंडर में अनियमितता स्पस्ट थी और बिना मेरी मौजूदगी में यह किया गया था। जिसे निरस्त करने के लिए हमारे द्वारा संस्तुति कर ईओ के पास फाइल भेजी गई है। रही बात सफाई कर्मियों की तो हम उन्हें लगा तो दें लेकिन भुगतान कहां से करेंगे।
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