चन्द्रशेखर आजाद जी के प्रतिमा स्थल की उपेक्षा पर गहरा रोष व्यक्त किया
आजमगढ़ : भारत रक्षा दल के तत्वावधान में मंगलवार, 27 फरवरी को चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि उनकी हर्रा की चुंगी स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा पूर्वक मनायी गयी। सर्वप्रथम भारद के कार्यकर्ताओं द्वारा उपेक्षित पड़े प्रतिमा स्थल की साफ-सफाई की गयी तदुपरान्त प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर चन्द्रशेखर आजाद जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए भारद के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने बताया कि चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् 1922 में गांधी जी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बने। इस संस्था के माध्यम से ही आजाद जी ने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले 9 अगस्त 1925 को एैतिहासिक काकोरी कांड को अंजाम दिया और फरार हो गये। इसके पश्चात 1927 में बिस्मिल के साथ 4 प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होनें उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला साण्डर्स की हत्या करके लिया एवं दिल्ली पंहुच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया। इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में 27 फरवरी को अंग्रेजों से युद्ध करते हुए वह शहीद हो गये। एैसे महामानव से हमें और हमारी आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित लोगों द्वारा चन्द्रशेखर आजाद जी के प्रतिमा स्थल की उपेक्षा पर गहरा रोष व्यक्त किया साथ ही उपस्थित लोगों द्वारा जिला प्रशासन से मांग किया गया कि प्रतिमा की साफ-सफाई व मार्ल्यापण के उद्देष्य से एक सीढ़ी लगवायी जाय। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू एवं संचालन निशीथ रंजन तिवारी ने किया। इस अवसर पर संगठन के मण्डल अध्यक्ष मोहम्मद अफजल, आशीष कुमार मिश्रा, रामशक्ति गुप्ता, अमित गुप्ता, सुनील वर्मा, प्रतीक मोदनवाल, नसीम अहमद, राजन अस्थाना, अरूण सिंह, रामजनम निषाद आदि प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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