आजमगढ़: सोमवार को रानी की सराय चोक पोस्ट स्थित आजमगढ़ पब्लिक स्कूल के प्रांगण में एक संगोष्ठी आयोजित की गई।जिसकी मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड,मुनिजा खान एवं सुहेल बनर्जी थे। इस संगोष्ठी का मुख्य विषय था कि संविधान की प्रस्तावना में उल्लखनीय विषयों को कैसे छात्रों के अंतर्गत समाहित किया जाए। जिससे वे जाति,धर्म,संप्रदाय,क्षेत्रवाद इत्यादि बिन्दुओं से ऊपर उठकर सम्पूर्ण मानवता के कल्याणकारी हितों की बातों को सोच सकें। जिससे आने वाली पीढ़ी दुष्वृत्तियों से अलग होकर सहिष्णुतापूर्ण,सामाजिक,चारित्रिक तथा नैतिकता की ओर अग्रसर होकर एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सके। तीस्ता सीतलवाड जो कि गुजरात,महाराष्ट्र में भारतीय नागरिक अधिकारों की संवाददाता हैं तथा जिनकी लिखी हुई आत्मकथा संविधान के सिपाही प्रकाशित हो चुकी है। मुनीजा खान गाँधी अध्ययन संस्थान की रजिस्ट्रार हैं तथा सुहेल बनर्जी मुंबई की रहने वाले हैं जिन्होंने सामाजिक विवादों एवं लोकतांत्रिक मुद्दों पर फिल्म निर्माण का कार्य किया है। नागरिक अधिकारों की संवाददाता तिस्ता शीतल वाड ने समस्त अध्यापक एवं अध्यापिकाओं का परिचय प्राप्त करते हुए आज के विलुप्त होते सामाजिक,सांस्कृतिक,चारित्रिक एवं नैतिक मूल्यों पर शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं से चर्चा की क्योंकि शिक्षक ही वह माध्यम है जो जग निमार्ता एवं राष्ट्र निमार्ता का कार्य करता है। वही समस्त छात्रों का चारित्रिक,नैतिक,सामाजिक मूल्यों को बताकर सबके प्रति सहिष्णुता की भावना को विकसित कर सकता है। इस अवसर पर विद्यालय के सह प्रबंधक मो.नोमान ने अपने वक्तव्य में तीस्ता सीतलवाड, मुनीजा खान एवं सुहेल बनर्जी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की तथा उनके विचारों से प्र•ाावित होकर उनकी प्रशंसा भी की। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या हुमा वसीम ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी लोग छात्रों को संविधान की प्रस्तावना में निर्देशित बिन्दुओं को उनके अन्दर समाहित कर एक स्वस्थ सामाजिक,चारित्रिक,धार्मिक कर्तव्यपरायण,सांस्कारिक मनुष्यता का निर्माण कर सकते हैं, तभी एक स्वस्थ,समृद्ध राष्ट्र एवं देश का निर्माण हो सकता है। इस अवसर पर विद्यालय के उपप्रधानाचार्य संदीप राय, संयोजिका ऋचा मिश्रा एवं समस्त शिक्षिका एवं शिक्षकगण भी उपस्थित थे।
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