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आजमगढ़ :खुलासा! तो इसलिए घर पर चढ़ मारी थी जेल सिपाही को गोली.....

आजमगढ़ : सिधारी क्षेत्र में शुक्रवार की देर रात मारे गए इनामी बदमाश मुकेश राजभर ने चार दिन पहले एक बंदी रक्षक मानसिंह यादव को जेल परिसर में गोली मार दी थी। तब से पुलिस उसकी धरपकड़ के लिए रात दिन एक किए हुए थी। बंदी रक्षक को गोली मारने की घटना के बाद पुलिस ने जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया जिसमें मिले 18 मोबाइल और पांच सिमों का काल डिटेल खंगाला गया। काल डिटेल में सामने आया पूरा सच आया कि मुकेश राजभर ने बंदी रक्षक मानसिंह यादव को गोली क्यों मारी थी। एसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि जेल में निरुद्ध रौनापार थाना क्षेत्र के देवारा गांव निवासी धर्मेंद्र पासी 22 जनवरी को फोन पर किसी से बात कर रहा था। दोपहर को मानसिंह यादव ने देखा और धर्मेंद्र से मोबाइल छीन लिया। इस से खुन्नस खाए धर्मेंद्र ने जेल में बंद अपने दूसरे साथी तरवां थाना क्षेत्र के खरिहानी गांव निवासी कृष्णानंद विश्वकर्मा उर्फ मिंटू के जरिए पवई थाना क्षेत्र के मुतकल्लीपुर गांव निवासी मुकेश राजभर को बंदी रक्षक को सबक सिखाने को कहा था। इसी दिन रात को मुकेश राजभर ने गंभीरपुर थाना क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर गांव निवासी अखिलेश यादव के साथ मिलकर योजना बनाई और जेल परिसर में स्थित बंदी रक्षक मानसिंह यादव का दरवाजा खोलवा कर उसे गोली मार दी। घायल बंदी रक्षक का इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद पुलिस ने जेल से 18 मोबाइल और पांच सिम बरामद किए थे। काल डिटेल में अखिलेश और मुकेश से बात होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से पु‌लिस ने मुकेश को पकड़ने के लिए अभियान शुरु किया था। शुक्रवार देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे एक बाइक पर सवार दो लोगों को आते देखकर पुलिस ने रुकने का इशारा की तो बाइक सवारों ने फायर कर दिया और भागने लगे। बदमाशों की गोली सिपाही अवधेश के हाथ में लगी और वह घायल हो गया। पुलिस के जवाबी कार्रवाई में मुकेश राजभर गोली लगने से घायल हो गया, जबकि उसका साथी फरार हो गया। पुलिस ने घायल सिपाही और बदमाश को जिला अस्पताल में भर्ती कराई, जहां मुकेश की मौत हो गई। पुलिस कप्तान अजय साहनी ने विस्तार से बताया की इस मुठभेड़ में सीओ सच्चिंदानन्द ने टीम लीड करते हुए सरह्नित कार्य किया है और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा। वहीँ बदमाशों की गोली से घायल बंदी रक्षक मान सिंह यादव की प्रशंशा करते हुए उन्होंने कहा की जांच के दौरान यह प्रकाश में आया की मान सिंह ने साहसिक कार्य करते हुए जेल में चल रहे मोबाइल के खेल के नेटवर्क के खिलाफ हाथ डाल दिया था जिसका परिणाम यह रहा की उन्हें बदमाशों की गोली का शिकार होना पड़ा , उनके साहस के लिए शासन को अवगत कराया जाएगा।

 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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