आजमगढ़ : बलात्कार के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को 20-20 साल की कैद तथा प्रत्येक को 21 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने जुर्माने की पूरी राशि पीड़िता को देने का निर्देश दिया। साथ ही इस मुकदमे में डीएनए की जांच ना कराने पर जांच अधिकारी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। यह फैसला शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-दो संतोष कुमार तिवारी ने सुनाया।
मामला रौनापार थाना क्षेत्र की है। पीड़िता के पति व जेठ रोजगार के लिए मुंबई रहते थे, इसलिए पीड़िता अपनी जेठानी के साथ घर पर रहती थी। इसका फायदा उठाकर गांव के दबंग लोग पीड़िता को तंग व परेशान करते रहते थे। पीड़िता 11 जुलाई 2014 की रात ट्यूबबेल पर सो रही थी। तभी रात में 11 बजे गांव के भोला पुत्र लालचंद, खुल्लू पुत्र श्रीसंत, बहादुर पुत्र सागर सिंह पटेल वहां आ गये और पीड़िता के साथ जबरदस्ती दुराचार किया।
पुलिस ने जांच करने के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया भेज दिया। एडीजीसी राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले में पीड़िता समेत सात लोंगों को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में आरोपी भोला, खुल्लू तथा बहादुर को 20-20 वर्ष के कारावास तथा प्रत्येक को 21 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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