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खोजापुर गांव में श्रीरूद्र महायज्ञ में हाथी घोड़े के साथ निकाली गयी कलश यात्रा

आजमगढ़ा: शहर से सटे खोजापुर गांव में श्रीरूद्र महायज्ञ व संगीतमय श्रीराम चरित मानस कथा का आयोजन बुधवार से शुरू हुआ। श्रीरूद्र महायज्ञ के पहले दिन हाथीए घोड़ा के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा सैकड़ों की संख्या में बच्चियां व महिलाओं ने सोहर व पचरा गीत के साथ प्रतिभाग किया। मानव जनहित सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित श्रीरूद्र महायज्ञ के पहले दिन सिद्धेश्वर शिवमंदिर से कलश यात्रा निकाली गयी। मौसम प्रतिकूल होने के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी। पूरे मनोयगोव आस्था के साथ कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालु जयकारे लगा रहे थे। जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया था। महायज्ञ व संगीत कथा में राष्ट्रीय स्तर के कथा वाचक पंण् बाल व्यास कौशर किशोर जी महाराज के सनिध्य में 17 जनवरी तक चलेगा। श्रीरूद्र महायज्ञ आचार्य हरेन्द्र पाठक के नेतृत्व में ग्यारह विद्वान आचार्यों द्वारा संपन्न किया जाएगा। कथा प्रसंग के प्रथम दिन व्यास जी ने इस धरती पर प्रभु राम के अवतरण के काराणों पर बड़े ही रोचक ढंग से व्याख्या संगीतमय प्रस्तुत किया। जब जब धरती पर पापों का अत्याचार बढ़ता है और धर्म का नाश होता है तो परतम पिता परमेश्वर को मानव रक्षार्थ अवतरित होना पड़ता है। राम स्वंय विष्णु के रूप में अवतार नहीं किये हैं, जबकि विष्णु राम के अंश हैं। लोगों में यह भ्रम है कि विष्णु ही राम का अवतार लिए थे। राम तो एक हैं। पूरे ब्रह्मांड में अनेकों लोक हैए अनेकों विष्णु हैं। संगीत मय कथा के दौरान पूरा पंडाल श्रोता से भरा था। ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी मौजूद थे। विशेष रूप से राय अनूप कुमार श्रीवास्तवए नित्यानन्द लालए नरेन्द्र श्रीवास्तवए अपूर्वए अवन्तिकाए जगदंबा श्रीवास्तवए संगीता श्रीवास्तवए राजकुमार आदि उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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