बिंद्राबाज़ार: आजमग़ढ़: यूआईडीएआई से नाराज अपरेटरों और सुपरवाइजरों का कहना है कि प्रत्येक प्रदेशों में उन पर प्रशासन द्वारा इतना दबाव बनाया जा रहा है कि अगर वो अवैध डाक्यूमेंट और पैसों की वसूली करते हुए पकड़े गये तो उन पर प्रशासनिक कार्यवाही और जुर्माने का प्रावधान लगेेे जिसे वह अपनी निजी संपत्ति को बेचकर भी नही पूरा कर सकता और अपनी आईडी को ब्लैकलिस्ट होने से भी नही बचा सकता। लेकिन वहीं यूआईडीएआई द्वारा संचालित एजेंसियां ने आपरेटरों का पेमेंट सालों से रोक रखा है और ना ही एजेंसी से कोई आईडेण्टी कार्ड दिया गया है ।पेमेंट की माँग करने पर आपरेटरों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और बोल दिया जाता है कि क्या प्रुफ है कि हमारी एजेंसी से काम किये हो। लेकिन उन पर कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होती । आपरेटरों के लिए कोई हेल्पलाइन नम्बर भी नहीं बनाया गया और ना ही उनका कोई पर्सनल पोर्टल बनाया गया ताकि वो अपने द्वारा किये कार्यों का पल पल विवरण देख सके। ताकि उनसे होने वाली गलतियों को देख सके और गलतियों में सुधार कर सके । उनका कहना है कि जब वो अपने पेमेंट की माँग करते हैं तब उनको इनरोलमेंट एजेंसियों द्वारा जवाब आता है कि जितना आप काम नहीं किये है उससे कहीं ज्यादा आपके ऊपर यूआईडीएआई द्वारा पेनाल्टी लगाई गयी है और जब वो आरओ आफिस मे सम्पर्क करने की कोशिश करते है तब कोई हेल्पलाइन नम्बर ही नही लगता और लग भी जाता है तो फोन ही नही उठता है। मेल द्वारा भी कोई जवाब नही आता। उनका कहना है कि अगर पर्सनल पोर्टल बना होता तब वो अपने गलती को सुधारने की कोशिश करता और यूआईडीएआई द्वारा पेनल्टी लगने से बचता और उन समस्याओं से बढ़कर बडी यह है कि यूआईडीएआई द्वारा सख्ती बरतने के कारण बहुत सी ऐजेंसियां ने आधार का काम बन्द कर दिया है जिसके कारण बहुत से अपरेटर बेरोजगार हो गये है। कुछ पुराने सुपरवाइजर जैसे कर्मचन्द पाण्डेय, शोएब आजमी, धीरज पाठक और विकास सिंह सुरेन्द्र प्रजापति, अमरदीप विश्वकर्मा का कहना हैं कि यूआईडीएआई अपरेटरो के साथ बहुत अन्याय कर रही है जब कोई अपरेटर तैयार नहीं था तब वो गाँव गाँव जाकर निःशुल्क आधार का काम किया था और आज उनको कार्य और पेमेंट नही मिल रहा है । आज बहुत से अपरेटर हो गये है तो पुराने आपरेटरों को भ्रष्ट और चोर का नाम दिया जा रहा है । उनका कहना है कि यूआईडीएआई द्वारा कार्य पेमेंट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं लिए जाने पर आधार आपरेटर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य हो रहे है ।
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