आजमगढ़ 19 दिसम्बर 2017 -- गत दिवस जिलाधिकार चन्द्र भूषण सिंह की अध्यक्षता में सत्र 2017-18 में पूर्व दशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूति हेतु जनपदीय छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूति समिति की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में राज्य एनआईसी लखनऊ द्वारा साफ्टवेयर के माध्यम से चिन्हित संदेहास्पद छात्रवृत्ति के डाटा पर चर्चा की गयी है। जिसमें समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया कि सभी संस्थानों की लाॅगिन पर उनके यहां के संदेहास्पद छात्र एवं छात्राओं का डाटा प्रदर्शित हो रहा है। उन्होने बताया कि डाटा का परीक्षण करे तथा जिन छात्र एवं छात्राओं को डाटा संदेहास्पद होने के कारण तथा अगले काॅलम मे संदेहस्पद डाटा का स्पष्ट निस्तारण उल्लिखित होगा एवं संलग्नक के रूप में साक्ष्य लगाकर सम्बन्धित विभाग को दिनांक 25 दिसम्बर तक उपलब्ध कराना होगा। उन्होने बताया कि संदेहास्पद डाटा शुद्ध होने की सूची के साथ ही विद्यालय इस आशय का नोटरी/शपथ-पत्र भी प्रस्तुत करेगे कि यदि उनके द्वारा किसी संदेहास्पद डाटा को शुद्ध करने के उपरान्त यदि कोई अनियमितता या त्रुटि पाई जाती है तो छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की भुगतान की गयी धनराशि को वापस कराने का उत्तरदायित्व सम्बन्धित संस्था का होगा। इसी क्रम में उन्होने बताया कि संदेहास्पद डाटा को शुद्ध कराये जाने के उपरान्त सम्बन्धित सूची का सत्यापन जिला स्तरीय अधिकारियों के द्वारा कराये जाने के बाद ही कोई भी संदेहस्पद डाटा शुद्ध मानकर लाॅक किया जायेगा।
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