मार्टिनगंज : आजमगढ़ : तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पारा पर शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। प्रधानाध्यापिका ने अन्य स्कूलों और नियम का हवाला देकर स्कूल खोलने की बात कही लेकिन ग्रामीण नहीं मानें और स्कूल में छुट्टी करा दी। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से पूर्व की भॉति शुक्रवार को बंदी कराने की मांग की। मार्टीनगंज तहसील के पारा गांव में वर्ष 1940 में इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय की स्थापना होने पर तत्कालीन प्रधानाध्यापक द्वारा शुक्रवार को ही साप्ताहिक अवकाश के रूप में विद्यालय बंद होता था। विगत कुछ दिनों से बीआरसी के निर्देश पर प्रधानाध्यापक नीलम राय ने शुक्रवार की जगह रविवार को विद्यालय बंद करने का प्रयास किया। जबकि ग्रामीणों के विरोध के चलते वह सफल नहीं हो सकी। शुक्रवार को जब वह विद्यालय खोलकर बच्चों को पढ़ाना शुरू की तो अधिकांश संख्या में मुस्लिम आबादी के लोग विद्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिये। साथ ही मांग करने लगे कि पूर्व की भॉति यह विद्यालय शुक्रवार को बंद हो और रविवार को खुले। ग्रामीणों ने हवाला दिया कि मिर्जापुर व मेंहनगर ब्लाक सहित अन्य इलाकों में भी इस्लामिक विद्यालयों पर शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी होती है। जबकि प्रधानाध्यापिका ने बीआरसी के निर्देश का हवाला दिया लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण उनकी चेष्टा सफल नहीं हो सकी और विद्यालय बंद करना पड़ा। गांव के मोहम्मद शाहिद सहित अन्य लोगों ने कहा कि विद्यालय शुक्रवार को विगत 1940 से बंद होता चला आ रहा है तो अब क्या समस्या है। अगर कोई सरकारी फरमान है तो उससे अवगत कराया जाय। इस संबंध में खण्ड शिक्षाधिकारी अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि शुक्रवार को विद्यालय बंद होने के चलते एमडीएम जैसी योजना की रिपोर्टिंग नहीं हो पाती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। रविवार को विद्यालय खुला है या बंद है यह पता नहीं चलता है। मौके पर लुकमान, सर्फुद्दीन, अब्दुल वहाब, असलम, आफताब, आरिफ, फैजान आदि मौजूद रहे।
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