आजमगढ़ : लोक संस्कृतियों को प्रदर्शित करता राष्ट्रीय एकता अखण्ड़ता को मजबूत करने के उद्देश्य से हुनर संस्थान आजमगढ उ0प्र0 द्वारा आयोजित ‘‘हुनर रंग महोत्सव’’ की दूसरी शाम स्व0 सुरेश चन्द्र गुप्ता को समर्पित रही। कार्यक्रम का उद्घाटन रूपाली डवलपर्स परिवार के पद्माकर प्रसाद गुप्ता, सी0बी0 गुप्ता, विवेक गुप्ता, रत्नाकर गुप्ता एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती इन्दिरा जायसवाल ने माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं स्व0 सुरेश चन्द्र गुप्ता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। आमंत्रित अतिथियों का स्वागत स्वागताध्यक्ष अभिषेक जायसवाल दीनू, एवं संस्थान अध्यक्ष मनोज कुमार यादव तथा हेमन्त श्रीवास्तव, गौरव मौर्या ने माल्यार्पण कर किया। राष्ट्रगान के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रारम्भ हुआ। सर्वप्रथम एकल नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दिन में 1 बजे प्रारम्भ हुई, देरशाम तक हुई एकल नृत्यों की प्रस्तुतियों के बाद समूह नृत्यों की प्रस्तुतियों में सभी दलों ने एक से बढ़कर एक नृत्यों की प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया, असमियां भाषा के बिहू नृत्यों ने किसानों की दिनचर्या पर आधारित नृत्य में यह दिखाने का प्रयास किया कि किसान चाहे गुजरात या भारत के किसी भी राज्य के हों उनका रहन-सहन, पहनावा, रीति-रिवाज और भाषाओं की विभिन्नता के बावजूद भी देश के किसानों की ज्यादातर जिंदगी खेतों और खलिहानों में ही कटती है। इसीलिए किसी ने सच ही कहा है ‘‘हम लोग आसुओं से उगाते हैं खेतियाँ, हम कल भी किसान थे हम आज भी किसान हैं। विभिन्न भाषाओं और सामाजिक कुरितियों पर प्रहार करते नृत्यों और नाटकों की प्रस्तुतियों ने मानो आजमगढ़ में लघु भारत का दर्शन करा दिया। समूह नृत्यों की प्रस्तुतियों के बाद नाटकों का दौर शुरू हुआ जिसमें एक से बढ़कर सामाजिक कुरितियों पर आधारित नाटक देखने को मिला। नृत्यों की प्रस्तुतियों के बाद भारत के भाषाओं की विविधता के बावजूद बहुभाषीय नाटकों की प्रस्तुतियों ने एक बात तो सिद्ध कर दी कि भावों को समझने में भाषायें कभी बाधक नहीं बनी हैं सिर्फ निजी स्वार्थ के चलते लोगों को भाषाओं के नाम पर चन्द लोग लड़ा रहे हैं। नार्थ ईस्ट से आये द वूमन एण्ड चाइल्ड इन्टीग्रीटी डवलपमेंट अर्गनाइजेशन नागमपाल कंजीबी लेईरक मणिपुर के ग्रुप द्वारा नाटक ‘‘मीरा’’ की प्रस्तुति ए वीनोदिनी देवी के निर्देशन में हुई। पात्रों के सशक्त अभिनय ने लोगों का मन मोह लिया। नाटक में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि जब कोई बात सही होगी तब प्यार मिलेगा, जब प्यार मिलेगा तब सत्य मिलेगा, सत्य मिल जाये तब शान्ति मिलेगी और शान्ति मिल जाये तब भगवान मिलेगा और जब भगवान मिलेगा तब आशीर्वाद मिलेगा। नाटक के प्रमुख पात्रों में एच0 विनोदिनी देवी, ए0 वंदिता देवी भाविनी देवी ने प्रमुख भूमिका निभायी। इस अवसर पर मनोज बरनवाल चुनमुन, मनीष रतन अग्र्रवाल, अजेन्द्र राय, विजय सिंह, नीरज अग्रवाल आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। सबका आभार संस्थान अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने व्यक्त किया। महोत्सव का संचालन सुनील दत्त विश्वकर्मा ने किया। महोत्सव को सफल बनाने में गौरव मौर्य, शशिभूषण शर्मा, मनोज कुमार मौर्य, डा0 शशिभूषण शर्मा, हेमन्त श्रीवास्तव, राकेश, अमरजीत विश्वकर्मा, मनीष, बीरेन्द्र सागर, रवि चैरसिया, सत्यम शर्मा, कमलेश सोनकर, विकास शर्मा, मुकेश कुमार, सूरज कुमार, परमेश्वर कुमार, अजय कुमार, शशि सोनकर, राज अहमद, कौशल, सुनील मौर्या, जावेद, सावन प्रजापति, सहित सभी संस्थान पदाधिकारी व नागरिक उपस्थिति थे।
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