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फोर लेन रास्ते में आये निर्माण को ध्वस्त करने से रूकने की अपील उच्च न्यायालय में खारिज

आजमगढ़ निवासी फूलमती ने की थी मकान न तोड़े जाने की मांग
भारत-नेपाल सीमा से वाराणसी तक 88 किमी एनएच का निर्माण
आजमगढ़ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत-नेपाल सीमा से वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिले में तेहरी गांव से होकर जाने वाले फोर लेन बाईपास के रास्ते में आने वाले निर्माण को ध्वस्त करने से रोकने से इंकार कर दिया है। साथ ही बाईपास को निर्माण बचाने के लिए मोड़ने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।1 वाराणसी से भारत-नेपाल सीमा तक जिले में लगभग 88 किमी फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है। फोरलेन बाईपास के रास्ते में आने वाले निर्माण कार्य को ध्वस्त करने पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति डीके सिंह की खंडपीठ ने श्रीमती फूलमती की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने प्रतिवाद किया। याची का कहना था कि जब तक उनकी आपत्ति का निस्तारण न कर दिया जाए तब तक उनका मकान न गिराया जाए। कोर्ट ने कहा विशेषज्ञ टीम द्वारा सर्वे कर डीपीआर तैयार किया जाता है। यूनिक डिजाइन कंसल्टेशन कम्पनी ने विस्तृत योजना तैयार की और आजमगढ़ में बाईपास बनाने की योजना के तहत प्राधिकरण मार्ग चौड़ीकरण कर रहा है। कार्यवाई नियमानुसार की जा रही है। किसी के निर्माण को बचाने के लिए योजना में बदलाव नहीं किया जा सकता।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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