आजमगढ़ 27 दिसम्बर 2017 -- जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने बताया है कि शासन द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/पिछड़ा वर्ग/सामान्य वर्ग/अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब व्यक्तियों की पुत्रियों के शादी हेतु सामूहिक विवाह के लिए “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना“ प्रारम्भ की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले जरूरतमंद निराश्रित एवं निर्धन परिवारों की विवाह योग्य कन्या/विधवा/परितक्यता/तलकाशुदा महिलाओं के विवाह हेतु शादी अनुदान योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हुए “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना“ के माध्यम से सामूहिक विवाह सम्पन्न करा कर कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले लोगों को उनकी सामाजिक/धार्मिक मान्यता एवं परम्परा/रीति रिवाज के अनुसार विवाह करने की व्यवस्था करा कर समाज में सर्वधर्म समभाव एवं सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराये जाने हेतु सभी वर्ग के व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी हेतु समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत शासन द्वारा दिशा-निर्देशों/ नीति के अनुसार यह योजना संचालित की गयी है। उक्त जानकारी जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में गत दिवस देर सांय आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के प्रभावी क्रियान्यवन हेतु मा0 जन प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। इस अवसर पर उन्होने बताया कि यह योजना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि कम से कम 1000 सामूहिक शादी जनपद में करायी जायेगी। तथा फार्मो उन्होने प्रत्येक ब्लाकों को 100-100, नगर पालिकाओं को 100-100 तथा नगर पंचायतो को 50-50, जिला पंचायतों को 100-100 फार्म भरवाने का लक्ष्य निर्धारित किया। जिलाधिकारी ने अपील की है कि शासन द्वारा संचालित इस जन कल्याणकारी योजना में पात्र व्यक्ति अपना पंजीकरण करा कर योजना से लाभान्वित हो। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री सिंह ने योजनान्तर्गत पात्रता की शर्तो के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हए बताया कि कन्या के अभिभावक उ0प्र0 के मूल निवासी हो, कन्या/कन्या के अभिभावक निराश्रित/निर्धन एवं जरूरतमंद हो और आवेदक के परिवार की आय गरीबी रेखा के सीमा के अन्दर होना चाहिए। विवाह हेतु किए गये आवेदन मंे पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक होना अनिवार्य है तथा वर के लिए 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली गयी हो। आयु की पुष्टि के लिए स्कूल शैक्षिक रिकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जांबकार्ड, आधार कार्ड मान्य होगे। विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री जो स्वंय दिव्यांग हो को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। जिलाधिकारी ने आगे बताया कि एक जोड़े पर कुल रू0 35 हजार की धनराशि का व्यय निर्धारित है। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन लवकुश कुमार त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीरा यादव सहित जन प्रतिनिधि एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थें।
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