आजमगढ़ 19 दिसम्बर 2017 -- जन समस्याओं के त्वरित एवं गुणवत्तायुक्त निस्तारण के निर्देश देते हुए मण्डलायुक्त के. रविन्द्र नायक ने कहा कि जन समस्याओं का निस्तारण शासन की प्राथमिकताओं में से है और इसके प्रति लापरवाही/उदासीनता बरतने वाले अधिकारी दण्ड के भागी होगें। उन्होने कहा कि निस्तारण की समीक्षा शासन स्तर पर निरन्तर की जाती हैै। उक्त निर्देश मण्डलायुक्त ने फूलपुर तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर प्रतिभाग करते हुए दिए। इस अवसर पर उन्होने कहा कि सिचाई के दृष्टिगत सभी नलकूप ठीक अवस्था में होने चाहिए तथा नहरों के टेल तक पानी पहुंचना चाहिए। उन्होने खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि कृषक हित सर्वोपरि है और इन्हे खाद, सिचाई आदि की असुविधा नही होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होने धान खरीद के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि क्रय केन्द्र निरन्तर खुले होने चाहिए और किसानों का धान सीधे उनसे खरीदा जाय। लक्ष्य से कम खरीद नही होनी चाहिए। उन्होने खाद्यन्न वितरण व्यवस्था पारदर्शी होने तथा रिक्त कोटे की दुकानों को गांव सभा की खुली बैठक में आबंटित करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को देते हुए कहा कि कोटे की दुकानों का सत्यापन हो और यह सुनिश्चित हो की निर्धारित मूल्य/मात्रा में ही लाभार्थी को खाद्यान्न मिले। इसके अतिरिक्त उन्होने बीएसए को निर्देश दिए कि वंे निरन्तर विद्यालयों का निरीक्षण करे। उन्होने कहा कि एबीएसए प्रतिदिन कम से कम 20 स्कूलों का निरीक्षण करें तथा वे अपने तैनाती स्थल पर निवास करें। इस अवसर पर जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने जन समस्याओ के निस्तारण में लेखपालों की प्रगति पर कड़ा रूख रखते हुए चेतावनी दी की वे अपनी कार्य पद्धति में सुधार लाये। निस्तारण समयबद्ध रूप से हो तथा किसी के दबाव में कार्य करने की आवश्यकता नही है। निर्भिक/निष्पक्ष होकर कार्य करें। उन्होने कड़े लहजे में कहा कि यदि निस्तारण की रिपोर्ट असत्य पायी गयी तो सम्बन्धित लेखपाल/अधिकारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। उन्होने बताया कि 32 शिकायतों के निस्तारण की जानकारी जब दूरभाष से शिकायतकर्ता द्वारा की गयी तो उसमें से तीन सन्तुष्ट बताए गये। जिलाधिकारी ने इसे गम्भीरता से लेते हुए कहा कि शत-प्रतिशत निस्तारण गुणवत्तायुक्त होने चाहिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि यदि शिकायत का निस्तारण गुणवत्तायुक्त एवं समयबद्ध ढंग से नही पाया गया तो सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी बख्से नही जायेगे। उन्होने कहा कि जमीनी विवादों के निस्तारण हेतु राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम मौके पर जाकर पक्षों को सुनकर वास्तविक निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होने यह भी कहा कि निस्तारण हेतु मौके पर जब भी जाये तो वहां शिकायत कर्ता को फोटो, गवाहों के हस्ताक्षर तथा नजरी नक्शा के साथ ही प्रधान एवं अन्य गणमान्यजन के भी हस्ताक्षर कराये। इस अवसर पर कुल 70 मामलें आये जिसमें से 22 मामलों का मौके पर निस्तारण बताया गया। शेष मामलों को एक सप्ताह के अन्दर निस्तारित करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारीयों को दिए गये। जिलाधिकारी ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर प्राप्त शिकायती पत्रों के साथ ही सम्बन्धित क्षेत्र के लेखपाल को बुलाकर उससे मामलें के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए तथा निस्तारण की समय-सीमा निर्धारित करते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होने अधिकारियों की टीम गांवों में भेजकर स्वच्छ शौचालय निर्माण की स्थिति/सत्यापन रिपोर्ट शाम तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा कहा कि ग्रामीण स्वच्छता के तहत गांवों में दी गयी धनराशि के बावजूद यदि शौचालय का कार्य पूरा नही हुआ तो सम्बन्धित प्रधान के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी। इस अवसर पर डीआईजी विजय भूषण, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी, मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक सिंह, उप जिलाधिकारी अनिल कुमार सिंह सहित विभिन्न विभागों के सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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