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08 वर्षों से गांव में मुफ्त चिकित्सा सुविधा देते हैं "आजमगढ़ गौरव" डॉ डीडी सिंह



आज़मगढ़: कभी कभी जीवन की राह और सोच किसी की एक बात पर बदल जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ डॉ.डी.डी.सिंह के साथ और पिछले 8 वर्षों से वह अवकाश के दिनों में अपने गाँव छपरा सुल्तानपुर में बच्चों का मुफ्त परीक्षण ही नहीं करते, बल्कि निःशुल्क दवा भी उपलब्ध कराते हैं। इस कार्य को देखते हुए उन्हें 'आज़मगढ़ गौरव सम्मान' से सम्मानित किया जा चुका है।
जिस समय डाक्टर बने उस समय भी मंशा थी कि समाज के लोगों की सेवा की जाएगी, लेकिन शिक्षक पिता श्री धर्मदेव सिंह ने एक बात पर कुछ ऐसा कह दिया कि फिर तो सेवा का अनंत जज्बा ही पैदा हो गया। अब तो बस यही इच्छा है कि परिवार की जरूरत भी पूरी हो जाए और समाज का भला भी हो जाए। यानी 'साईं इतना दीजिए जामे कुटुंब समाय, मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भूखा जाय'। इस सिद्धांत के साथ काम कर रहे हैं डॉ.डी.डी.सिंह।
चिकित्सक बनने के बाद एक निजी अस्पताल में इन्होंने नौकरी शुरू की और हर रविवार को साप्ताहिक अवकाश में घर जाने लगे। एक बार इनके पिता ने पूछा कि बैग में जो दवा है वह कहाँ से लाते हो, तो डॉ.डी.डी.सिंह ने बताया कि एमआर (दवा प्रतिनिधि) देते हैं। सवाल-जवाब के दौरान जब पिता को एहसास हो गया कि दवा मुफ्त की है, तो उन्होंने सलाह दी कि तब इसे गरीब बच्चों को देकर उनका भला करो। उसके बाद तो सेवा का ऐसा जज्बा पैदा हुआ कि वर्ष 2009 के 13 दिसम्बर से हर सप्ताह अपने गाँव छपरा सुल्तानपुर में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन करते हैं। शहर से मंहगे से मंहगे दवाइयों का सैम्पल झोले में भरकर वह हर रविवार को घर लेकर जाते हैं और जब वापस लौटते हैं तो खाली झोले में मरीजों की अदृश्य दुआएं भरी होती हैं। गाँव के लोग उनमें ईश्वर का स्वरूप देखते हैं। वर्षों से मरीजों के प्रति लगाव का जज्बा बेमिसाल है। लोगों का कहना है कि वर्तमान समय में ऐसे कम चिकित्सक होंगे जो बिना फीस लिए मरीजों की सेवा कर रहे हों। डॉ.डी.डी.सिंह कहते हैं कि ज्यादा धन की उन्हें जरूरत नहीं है। जितना मिलता है उसी से सारा काम चल जाता है। ऐसे में गरीबों का उपचार करके वह सुकून महसूस करते हैं। इसी का परिणाम है कि डॉ.डी.डी.सिंह ने काफी कम उम्र में वह लोकप्रियता हासिल कर ली जिसे पाने के लिए पूरा जीवन कम पड़ जाता है।
जनपद के अति पिछड़े सगड़ी तहसील के छपरा सुल्तानपुर गाँव निवासी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.डी.डी.सिंह शहर में अपनी क्लिनिक चलाते हैं। रविवार को साप्ताहिक अवकाश के दिन अगर कोई बहुत जरूरी काम न हो तो अपने घर पहुंचते हैं और घर के बरामदे में गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं। यही नहीं उनके पास जो भी दवा उपलब्ध होती है उसे मरीजों को देते हैं, लेकिन उसका भी पैसा नहीं लेते। शुरू में कुछ दिन मरीज कम आए पर जैसे-जैसे लोग जानते गए वैसे-वैसे भीड़ बढ़ती गई। डॉ.डी.डी.सिंह ने बताया कि गरीब बच्चों का भी बेहतर इलाज हो सके यही इस शिविर की मंशा है। मेरा मानना है कि जो समाज के काम न आ सका वह जीवन किस काम का। इस काम से मुझे बहुत खुशी मिलती है। आगे भी इसे निःस्वार्थ भाव से करता रहूँगा।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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