आजमगढ़ : ऐसा कहा जाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है लेकिन पिछली सरकार ने भगवा आतंकवाद को एक घंटों में ही रंग दे दिया था । जिस पर उनकी सरकार चली गयी। इस्लाम में भी अपने देश के प्रति गद्दारी करने वालों को गद्दार ही कहा जाता है उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने आजमगढ़ के नेहरू हाल में हिन्द बलूच फोरम द्वारा आयोजित एक गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि भगत सिंह, सुखदेव, चन्दशेखर, नेता जी सुबाष चन्द्र बोस आदि महापुरूषों ने आजादी के लिए अपना बलिदान दिया था। हमने रावी और झेलम नदी के पानी को हाथ में लेकर संकल्प लिया था आजादी के लिए, लेकिन कांग्रेस ने इस देश आजादी नहीं बल्कि विभाजन दिया। बलूच फोरम के राष्ट्रीय संयोजक पवन सिन्हा ने कहा कि पकिस्तान केवल भारत के लिए ही बल्कि पूरे विश्व के लिए नासूर हैं। आंतक की हर घटना के पीछे पाक का हाथ है, पाक हमारे जनरेशन को बिगाड़ने का काम कर रहा हैं जेहाद के जरिये वे आंतक फैला रहा हैं। विश्व में पाकिस्तान इस्लामी देशों का नेता बनना चाह रहा था लेकिन किसी इस्लामी देश ने इसे कबूल नहीं किया। पाक इस्लाम को आगे रखकर लोगां को बरगला रहा है वो बम भी बनाता है तो उसका नाम इस्लाम रखता है ताकि जनरेशन को खराब किया जा सके। दुनिया विकास की तरफ बढ़ रही है तो पाक आंतक को बढ़ावा दे रहा हैं। पाक की मंशा है कि वे पूरी दुनिया में तबाही मचाये। उसका मानवीयता से काई लेना देना नहीं है क्यों कि उसका इरादा पूरी दुनिया में आंतक फैलाना है इसलिए उसने अपने फायदे के लिए आजाद बलूचिस्तान को अपनी क्रूरता के जरिये गुलाम बना लिया हैं उसमे उसका साथ दे रहा है चीन। भारत में पाक की एक न चली तो वह चीन के साथ मिलकर दुनिया का नक्शा बदलना चाह रहा है। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील किया वे सोशल मीडिया पर किसी ऐसी चीज पर प्रतिक्रिया देकर बढ़ावा न दे जिसका फायदा पाक व चीन को मिले बल्कि सोशल मीडिया पर देश हित में जरूर कुछ न कुछ अभियान चलाये ताकि सभी जागरूक हो सके। बलूचिस्तान के लोगों को आशा है कि भारत ही उन्हें आजाद करायेगा लिहाजा हम सभी को इसके लिए सोशल मीडिया पर जमकर अभियान चलाना हैं। बलूचिस्तान की सुश्री समीना बलोच ने कहा कि 2016 में जब भारत के प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान का मुद्दा लालकिले से उठाया तब जाकर पूरे विश्व ने पाकिस्तान द्वारा वहां बरपायी जा रही क्रूरता के बारे में जाना। हम पीएम के आभारी रहेंगे कि उन्होंने इस मुद्दो को उठाकर उन्होंने बलूचिस्तानियों की आशाओं के जिन्दा कर दिया हैं। वे बलूचिस्तान के रिसोर्स को चीन को बेच रहा है और बलूचिस्तानियों पर सितम ढ़ा रहा हैं इसलिए हमने भारत का साथ चाहिए ताकि पाक के मंसूबे को कुचला जा सके। स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आजमगढ़ की धरती पाकिस्तान परस्त लोगों के कारण बदनाम हुई थी, हम यह कार्यक्रम यहां इसलिए आयोजित करा रहे है ताकि इन्हीं लोगों के माध्यम से यह बात पहुंचायी जाये कि बलूचिस्तान के हक हूकूक की आवाज आजमगढ़ से उठने लगी है। उन्होंने यह भी कहा कि बलूचिस्तान राम के आदर्शो की धरती है क्यों कि वहां हिंगलाज देवी का धाम हैं उनके दर्शन के लिए हमें वीजा नहीं दिया जाता है , लेकिन जैसे ही हम बलूचिस्तान को आजाद करायेंगे तो हमें माता का दर्शन भी मिलेगा। पाक ने बलूचिस्तान पर ज्यादतियां करने के लिए 40000 चीनी सैनिकों को बुलाया है वे वहां की बहन बेटियों को पर अत्याचार हैं यहां तक की 12 वर्ष की बेटियों का बलात्कार करके उनकी हत्या कर देते है । उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम किसी सरकार का नहीं है बल्कि यह भारत के नागरिकों की आवाज है जो हमें ही जन जन तक पहुंचाया हैं बीते नवम्बर में हम लोगों इस फोरम की नीवं रखी आज एक वर्ष पूरे होने में कुछ समय शेष है लेकिन इस फोरम से पाकिस्तानियों में दहशत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी उम्र लम्बी हो जाये या पाक की उम्र छोटी हो जाये अब पाकिस्तान किसी सूरत में बचने वाला नहीं हैं। बलूचिस्तान की बहनों ने हमें राखी बांधा है लिहाजा हम इसके लिए पूरा जीजान लगाकर बलूचिस्तान को आजाद करायेंगे। आजमगढ़ की धरती से यह कारवां आगे बढ़ेगा। इसके बाद कर्नल आरएसएन सिंह प्रोजेक्टर के माध्यम से पाकिस्तान द्वारा की जा रही नापाक हरकतों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पाक का मानवता से कोई सरोकार नहीं हैं उसे केवल भूमि से प्यार हैं जबकि भारत को मानवीयता से प्यार हैं। पाक जेहाद चाहता है जबकि भारत अमन, चैन, शांति चाहता हैं। भारत में जितना मुस्लिम सुरक्षित है उतना किसी भी देश में नही है। कार्यक्रम के अन्त में सभी के प्रति हिन्द बलूच फोरम, आजमगढ़ संयोजक निखिल राय ने आभार जताया। संचालन ब्रजेश यादव ने किया। कार्यक्रम में पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, डा अनूप सिंह यादव, अखिलेश मिश्र, नीलम सोनकर सांसद, श्याम नारायण सिंह, माधव कृष्ण त्रिपाठी, वरूण राय, कमलेन्द्र मिश्र, विनय प्रकाश गुप्त, रिप्तेश सिंह राकी, दीनू जायसवाल, पंकज कौशिक, मृगांक शेखर सिन्हा, विवेक निषाद, डा दुर्गा प्रसाद अस्थाना, डा श्याम नारायन, अवनीश चतुर्वेदी, सहित भारी संख्या मे लोग मौजूद रहे।
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