आजमगढ़ : बरदह थाना क्षेत्र के पुरसुड़ी गांव के चौराहे पर स्थापित दुर्गा प्रतिमा दशहरे के दिन गांव में भ्रमण की जाती थी, लेकिन गांव के दूसरे वर्ग के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन द्वारा बिना गांव में घुमाए प्रतिमा विसर्जित करवा दिया गया। वहीं लोगों का कहना है कि दूसरे वर्ग के लोगों द्वारा ताजिया पूरे गांव में घुमाकर दफन किया गया। इस बात को लेकर एक पक्ष के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के बुरसुड़ी गांव स्थित चौराहे पर दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा स्थापित की गई थी। दशहरा के दिन पूजन-अर्चन के बाद गांव में भ्रमण करने के बाद प्रतिमा विसर्जन करने की योजना था। इसी बीच गांव के दूसरे वर्ग के कुछ लोग थाने पर जाकर प्रार्थना पत्र दे दिये की दुर्गा प्रतिमा अगर गांव में घुमी तो बवाल हो सकता है। क्योंकि उसी दिन गांव मे ताजिया लेकर घूमने की तैयारी है। बरदह प्रभारी एसओ सुरेशचंद्र ने शुक्रवार को दोनों पक्षो को थाने पर बुलाया और बात किया, बताया जा रहा है कि दोनों वर्ग के लोग इस बात को लेकर सहमत हो गए कि दुर्गा प्रतिमा गांव में 12 बजे तक घुमाकर गांगी नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा और देर शाम आठ बजे दूसरे वर्ग के लोग ताजिया निकालेंगे। शनिवार की सुबह दुर्गा प्रतिमा गांव के लोग सुबह गांव में भ्रमण करा विसर्जित करने की तैयारी कर रहे थे कि कुछ लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। आरोप यह है कि इसकी सूचना पाकर एसओ बरदह, सीओ लालगंज रविशंकर प्रसाद, देवगांव कोतवाल समेत आदि पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और जबरन दुर्गा प्रतिमा को गांव के पास स्थित गांगी नदी में विसर्जित करवा दिया। वहीं दूसरे वर्ग के लोगों द्वारा रात करीब 8.30 बजे ताजिया पूरे गांव में घुमाकर गाजे-बाजे के साथ दफन किया गया। इस आज को लेकर एक पक्ष के लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश है। गांव के लोगों का कहना है कि दुर्गा मूर्ति गांव में नहीं घुमाने दिया गया तो प्रशासन कैसे दूसरे पक्ष के लोगों को ताजिया घुमाने का आदेश दे दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ग्रामीणों से बातचीत करके चले गए।
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