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तमसा नदी की दशा और दिशा विषय पर विचारगोष्ठी का आयोजन हुआ

आजमगढ़: तमसी नदी बचाओ अभियान के अन्तर्गत तमसा मिशन द्वारा गायत्री मंदिर कोलघाट पर रविवार को तमसा नदी की दशा और दिशा विषय पर विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। विचारगोष्ठी से पूर्व मोहटी घाट पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण की रक्षा करने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भशास्त्री प्रोफेसर धु्रवसेन सिंह ने कहाकि प्राकृतिक कारणों से जलवायु में जो परिवर्तन होते है उनके विषय में मानव कुछ नहीं कर सकता किन्तु मानवीय कृत्यों से जो प्रदूषण हो रहा है उसे रोका जा सकता है। उन्होने कहाकि भारतीय संस्कृति प्रकृति और मनुष्य के परस्पर सामंजस्य पर आधारित है और मानव सभ्यता के केन्द्र में नदियां रही है। नदियां हमारी संस्कृति सभ्यता और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। उन्होने कहाकि पिछले तीन सौ वर्षों में मानव की प्रकृति से होड़ ने प्रदूषण को जन्म दिया है। जिसके कारण धीरे-धीरे मानव अस्तित्व ही खतरे में पड़ता जा रहा है। उन्होने कहाकि नदियां को बचाने के लिए वृक्षों को लगाया जाना बेहद आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी चन्दभूषण सिंह ने कहाकि प्राणी, पृथ्वी, जलवायु, आकाश व अग्नि पंचतत्वों से मिलकर बना है। इसलिए प्रकृति से होड़ करना या प्रकृति पर विजय पाने का प्रयत्न करना मूर्खता है। हम प्रकृति से बने है और उसी में मिल जाना है। प्राणी ऋत यानि नैतिक व्यवस्था से संचालित होता है और प्राकृतिक व्यवस्था बिना हस्तक्षेप किए सुव्यवस्थित चलने देना ही यज्ञ हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश राय ने कहाकि मोदी सरकार प्रकृति के संरक्षण को लेकर गंभीर है साथ ही समाज को भी इस दिशा में अपनी सोच केन्द्रित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन तमसा मिशन के संयोजक सुनील राय ने किया। इस अवसर पर श्रीकृष्ण पाल, श्रीकृष्ण तिवारी, श्याम नारायण सिंह, अरविन्द राय, भाजपा जिला महामंत्री ब्रजेश यादव, इंदिरा देवी जायसवाल, डा डीपी राय, दुर्गा प्रसाद अस्थाना, चंडिका नंदन सिंह, शंकर साब, सच्चिदानंद सिंह, संगीता तिवारी, निखिल राय आदि उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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