आजमगढ़। आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज द्वारा गुरूवार को राष्ट्रपति को सम्बोधित पांच सूत्री ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। जिसमे अनुच्छेद 341(3) पर लगे संविधान विरोधी प्रतिबंध समाप्त कर धर्म के आधार पर हो रहे पक्षपात को समाप्त किये की मांग उठायी। आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय महासचिव अंसार अहमद ने बताया कि सरकार अनुच्छेद 341(3) के जरिये पक्षपात कर रही है इसलिए संगठन ने पांच सूत्री मांगपत्र भेजा हैं हमारी मांगे है कि 10 अगस्त 1950 का प्रेसिडेंशियल/साम्प्रदायिक आर्डर निरस्त किया जाये ताकि धर्म के आधार हो रहे पक्षपात समाप्त हो सके, संविधान अनुच्छेद 14,15,16 व 25में स्पष्ट रूप से साफ है कि किसी भी व्यक्ति के साथ उसका धर्म, मूलवंश जाति, लिंग अथवा जन्म स्थान के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नही किया जायेगा किंतु अनुच्छेद 341(3)पर लगा धार्मिक प्रतिबंध संविधान के दावों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा हैं, मुस्लिम व इसाई दलितों के साथ धर्म के आधार पर 10 अगस्त 1950 से निरंतर हो रहे अन्याय को समाप्त कर उनके साथ संवैधानिक न्याय किया जाये। इसाई व मुस्लिम दलितों के साथ लगभग सात दशकों से हो रहे अन्याय को न सिर्फ समाप्त किया जाये बल्कि उनको मुख्य धारा में लाने व उनके साथ अब तक हुए अन्याय के लिए प्रायश्चित हेतु उनके लिए विशेष व्यवस्था किया जाये ताकि वे मुख्यधारा से जुड़ सके तथा संविधान धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग व जन्मस्था के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को नकारता है दूसरी तरफ 10 अगस्त 1950 का प्रेसीडेशिंयल/साम्प्रदायिक आर्डर खुलेआम धर्म के आधार पर 341(3) में प्रदत्त अवसरों से इसाई व मुस्लिम दलितों को धर्म के आधार पर वंचित करता है, इससे हमारी स्थिति बड़ी हास्यासप्रद बनी हुई है। श्री अहमद ने आगे कहा कि हमारा संवैधानिक दावा कुछ और है स्थिति कुछ और है इस कारण इसे शीध्रातिशीध्र समाप्त किया जाये ताकि हमारे संविधान, संविधान के दावां व संविधान की मूलभावना की रक्षा की जा सके। श्री अहमद ने राष्ट्रपति से मांग किया कि उक्त पांचों बिन्दुओं पर संविधान की मूलभावना को ध्यान में रखते हुए न्याय किया जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी, इन्तेखाब आलम, मो ओसामा कुरैशी, नसीम अहमद, शफीक अहमद मंसूरी, नजमा परवीन, नसरूद्दीन अंसारी, एकलाख अहमद कुरैशी, मो जफर, मो मोहसिन आदि मोजूद रहे।
Blogger Comment
Facebook Comment