फूलपुर: आजमगढ़ : सरकार गरीबों हित के नाम का लाख ढिंडोरा पीट ले लेकिन सच्चाई कुछ और ही दास्ताँ बयां कर रही है। रोटी, कपड़ा और मकान आदि के लोकप्रिय नारे दे कर सत्ता पर काबिज प्रदेश सरकार के मुखिया के पैर के नीचे लाल कारपेट बिछाकर जमीनी सच्चाई भले ही छुपा दी जाए ।ले किन बात जब लागों के सम्मानित जीवन जीने के हक की हो तो तो वहा क्या कहा जाएगा । यह संवेदनशील मामला स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है। सौ दिन पूर्व की समाजवादी सरकार में फूलपुर क्षेत्र को एक सौ शैया अस्पताल, ट्रामा सेंटर मिला था जिसकी अनुमानित लागत लगभग 56 करोड़ रुपए तय की गयी थी । फूलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तत्कालीन सपा विधायक श्यामबहादुर सिंह यादव के प्रयास से प्रस्ताव पास हुआ व शासन से कार्यदायी संस्था को कुछ लागत धन अवमुक्त होने के बाद तेजी से निर्माण कार्य शुरू हुआ। जिसको लेकर लोगो में काफी उम्मीदें जाग गयी। जो लोग अभी तक गंभीर बिमारी, गहरी चोट, सड़क दुर्घटना आदि में ज्यादातर मामलों में जिला मुख्यालय या बनारस जाने वालों के इलाज में देरी व सुविधाओं के अभाव में रास्ते या वहां पहुंचने पर मृत्यु हो जाया करती थी। छ: मंजिला बनने वाले ट्रामासेंटर का बीस फीसद काम भी अभी नही हुआ के दो माह पूर्व ही धनाभाव में कार्य रोक दिया गया। स्थानीय जनाकांछांओं के केंद्र बिंदु बना यह अर्धनिर्मित ट्रामा सेंटर एक एक मुंह तब चिढ़ाने लगा जब इसी क्षेत्र के मेन रोडपर एक प्राईवेट ट्रामा सेंटर बन कर तैयार हो गया। वही स्थानीय लोगो ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि जल्द जल्द से ट्रांमा अस्पताल का रूका कार्य शुरू कराया जाये।
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