आजमगढ़: स्थानीय लोकप्रिय नाट्य संस्थान सूत्रधार संस्थान द्वारा स्थानीय शारदा टाकीज के हाल में आयोजित 25 दिवसीय चिल्ड्रेन थियेटर वर्कशाप का मंगलवार को विधिवत समापन हुआ। बाल कलाकारों ने चीनू, मीनू और जीनी, नाटक का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। इस कार्यशाला में 5 वर्ष से 15 वर्ष के कुल 13 बच्चो का चयन किया गया था। जिसमें शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे भी शामिल रहे। ममता पंडित ने सधे निर्देशन में बच्चों ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। जीवन में शिक्षा व सफलता के लिए कड़ी मेहनत के संदेश पर आधारित वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित द्वारा लिखे इस बाल नाटक में चीनू, मीनू दो भाई बहन है। चीनू का मन पढ़ाई में नहीं लगता है। वह आलसी है और सपने देखता रहता है जबकि उसकी बहन मीनू पढ़ने में तेज व अनुशासित है एक दिन चीनू अलादीन के चिराग वाले जिन्न का सपना देखता है जिन्नी उसकी हर आज्ञा का पालन कर रहा है चीनू जिन्न से अपने किताब के उत्तर याद करने को कहता है। जिससे वे बिना पढ़े ही परीक्षा पास कर ले। पर जिन्न उससे कहता है कि उसे पढ़ना नहीं आता अगर चीनू उसे पढ़ कर सुनाये तो वे याद कर लेगा। चीनू मान जाता है और जिन्न को अपनी हर किताब पढ़ कर सुनाता है और अन्त में उसे अनुभव होता है कि उसे खुद ही हर प्रश्न का उत्तर याद हो गया है। तब जिन्न उसे बताता है कि अपनी मेहनत खुद करों, सफलता जरूर मिलेगी। इस प्रकार नाटक का सुखद अन्त होता है। चीनू की भूमिका में अंश सिंह, मीनू की भूमिका में अंशिका सिंह और जिन्न की भूमिका में श्रीजी दीक्षित ने अपने सहज और प्रभावशाली अभिनय से सबका ध्यान आर्कषित किया। वहीँ जादूगर की भूमिका में हर्ष अरोड़ा व जोकर की भूमिका में हिया शर्मा, अनादि अभिषेक ने दर्शकों को खूब हंसाया। नाटक में एक रोचक चरित्र में बादशा अकबर की भूमिका निभाने वाले बाल अभिनेता रूद्र प्रताप सिंह ने दर्शकों को प्रभावित किया। इसके अतिरिक्त आदित्य, अभिषेक, दिया शर्मा, मो. नासिर, उज्जवल दीक्षित के अभिनय की भी दर्शकों ने सराहना की । इस नाटक में संगीत रीतेश रंजन, मंच सज्जा अंगद कश्यप, वस्त्र परिकल्पना ममता पंडित, प्रकाश परिकल्पना, संदीप कुमार , नन्द किशोर, मेकअप, राम जन्म चौबे का रहा। नाटक के अन्त में दैनिक जागरण अखबार के स्थानीय ब्यूरो प्रमुख सतीश रधुवंशी ने प्रतिभागियों को सर्टीफिकेट प्रदान किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने दर्शकों से अपील किया कि अपने बच्चों को नाटक विधा से अवश्य जोड़े क्योंकि इससे व्यक्त्तिव विकास होता है और वह सांस्कृतिक आयोजनों में बढ़चढ़कर भाग लें। इस अवसर पर डॉ. प्रज्ञा सिंह, डॉ. अलका सिंह, तरूण राय, अविनाश सिंह, प्रवीण दीक्षित, डॉ. आलोक मिश्रा आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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