आजमगढ़: यूपी पुलिस का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पुलिस ने तीन नाबालिगों को न केवल रात भर थाने में बैठाये रखा बल्कि उनसे नाला और शौचालय की सफाई भी कराई। इन बच्चों का कुसूर यह था कि एक बाइक से तीन लोग घूम रहे थे। पुलिस ने उनके खिलाफ एमवीएक्ट में कार्रवाई के बजाय सजा के तौर पर शौचालय साफ कराना ज्यादा मुनासिब समझा और 12 घंटे बाद यह कह कर छोड़ दिया कि आइन्दा एक बाइक पर तीन नहीं चलोगे। यानि पुलिस के हिसाब तीन लोग बाइक पर नहीं चल सकते लेकिन नाबालिग बाइक चला सकता है। बताते हैं कि रौनापार थाना क्षेत्र के सैदपुर निवासी विनोद राजभर 14 पुत्र राजेंद्र राजभर, जितेंद्र पटेल 17 पुत्र राम सकल पटेल व संदीप कुमार 17 पुत्र विजयदशमी क्षेत्र के छपरा गांव में अपने रिश्तेदार के यहां तिलकोत्सव में आए हुए थे। रात करीब 9 बजे वे बाइक से अपने गांव वापस आ रहे थे। रास्ते में चेकिंग कर रही रौनापार पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ के बाद पुलिस उन्हें थाने ले आइ्र और लाकप में डाल दिया गया। बच्चों की माने तो रात भी उन्हें भोजन पानी नहीं दिया गया और उनके साथ पुलिस कर्मियों ने दुर्व्यवहार किया। सुबह होने पर पुलिस ने इन तीनों से थाने की लेट्रिन, बाथरुम की सफाई कराई और चेतावनी देते हुए कि आइंदा एक बाइक पर तीन लोग ना चले छोड़ दिया। रौनापार पुलिस की इस करतूत की पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही थी। लोगों का कहना था कि वाहन चेकिंग के नाम पर इस तरह से बच्चों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। वहीं पुलिस इस मुद्दे पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
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