आजमगढ़: निर्मल तमसा सेवा समिति द्वारा सिधारी स्थित भोला घाट पर सूर्यपूजा का आयोजन कर प्रकृति और तमसा नदी के संरक्षण और निर्मलीकरण का संदेश दिया गया। रविवार को तमसा नदी के तट पर नगर की सैकड़ों महिलाओं ने जल व पुष्प चढ़ाकर सूर्य की उपासना की और तमसा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने का संकल्प लिया। निर्मल तमसा सेवा समिति के संयोजक निखिल राय ने बताया कि मोक्षदायिनी तमसा जिसके तट पर आदि कवि के श्रीमुख से काव्य की धारा फूटी, जो तमसा हमारी संस्कृति और धर्म का प्राण है वह आज उपेक्षित और मृतप्राय हो चुकी है। इसे पर्यावरण और मानव अस्तित्व पर संकट के रूप में देखना चाहिए। आज तमसा नदी के किनारे सूर्य की पूजा कर हमने प्रकृति के संरक्षण और मां तमसा को सरंक्षित करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि तमसा के संरक्षण के अभियान को और तेज किया जायेगा, साथ ही इस अभियान में सामाजिक संस्थाओं, नगर के प्रमुख व्यक्तियों को जोड़कर उनका सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। संयोजक श्री राय ने बताया कि इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए निर्मल तमसा सेवा समिति आगे रणनीति तैयार कर कई ऐसे आयोजन करेगा, जिससे कि तमसा और आजमगढ़ के लोगों के बीच एक पवित्र रिश्ता तैयार किया जायेगा तभी तमसा को संजोने का सपना साकार हो सकेगा। इस अवसर पर शशिकला, सुमन, कुसुम, उपमा राय, पूजा, ज्योति, श्रीमती इंदिरा देवी, ब्यूटी निधि, सोनी, कृति, प्रीति, सोयम, कल्ला, पूनम, किरन, कुसुमलता, प्रिया, रीमा, लालमती देवी, सुमन भारती, सती, विमला भारती, मनभावती, फूलमती देवी आदि मौजूद रहे।
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