आजमगढ़। पतित पावनी तमसा नदी के अविरल एवं निर्मल बनाने के उद्देश्य से कार्यरत निर्मल तमसा सेवा समिति के सदस्यों ने शुक्रवार को सिधारी घाट के पास तमसा नदी के तट पर सफाई अभियान की शुरूआत किया। सर्वप्रथम तमसा नदी के जल में उतरकर तमसा को अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प लिया गया । निखिल राय ने बताया कि तमसा नदी सभ्यताओं की जननी होती हैं, दुवार्सा, दत्तात्रेय, चन्द्रमा ऋषि की तपोस्थली रही तमसा नदी हमारी संस्कृति और धर्म का मूल आधार हैं। हमारी संस्कृति में नदियों को मां और देवी का दर्जा दिया गया है। श्री राय ने कहा कि पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को समेटे तमसा नदी की आज विडम्बना है कि यह नाले के सामान नजर आ रही है। नदी के तट अतिक्रमण की चपेट में है। जिससे कि तमसा का प्रवाह मंद हो चुका हैं। अगर आजमगढ़ के सम्मानित नागरिकों ने ध्यान नहीं दिया तो मानव को जीवन देने वाली तमसा अपना अस्तित्व खो देगी। श्री राय ने जनता से अपील किया कि तमसा नदी के किनारे कूड़ा फेंकना तत्काल बंद किया जाये, नदी में गिर रहे नालों पर रोक लगायी जाये, तभी ऐतिहासिक तमसा का अविरल और निर्मल बनाये जाने का सपना साकार हो सकेगा। जिसके क्रम में 28 मई रविवार को नगर के सिधारी स्थित भोला घाट पर महिलाओं द्वारा सूर्य पूजनोत्सव का आयोजन किया गया है। सफाई अभीयान में गौरव, अंकुर, राजीव, अजय चौधरी, बबलू, गुलशन, कल्लू चौधरी, शुभम , प्रिंस, विकास, दीपक आदि मौजूद रहे।
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