आजमगढ़ : 7 अप्रैल को W H O का स्थापना दिवस मनाया जाता है इसे विश्व स्वास्थ्य दिवस भी कहते हैं , इस वर्ष इसकी थीम 'डिप्रेशन' या तनाव रखी गयी है। तनाव के कारण आत्महत्या या हत्या बहुत ही आम होता जा रहा है,जबकि कई मामलो में पीड़ित व्यक्ति के पास पर्याप्त कारण ही नहीं होता। WHO द्वारा इस वर्ष "लेट्स टॉक" कंपेन चलाया जा रहा है। इस अवसर पर अनौपचारिक बात-चीत में चाइल्ड केयर क्लिनिक के नवजात शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ डी डी सिंह ने बताया की डिप्रेशन यानि अवसाद का मूल कारण लोगो के अंदर बढ़ रहा तनाव और जीवन का असंतुलित रवैया है । अवसाद के कारण: लोगो के जीवन में तनाव का बढ़ना और उनके ऊपर काम, परिवार, पढाई, सामाजिक, आर्थिक अनेको प्रकार के दबाव है। चिकित्सकीय भाषा मे शरीर में होमियोस्टैसिस में गड़बड़ी । तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है । जिससे लंबे समय तक तनाव अवसाद में तब्दील हो जाता है। डॉ डी डी सिंह ने बताया की आज कल के युवा में भी तनाव काफी हद तक बढ़ गया है । उनके ऊपर अनेको प्रकार के दबाव के कारण वे चिड़चिड़े हो गए है और समाज और दोस्तों से कटे कटे रहने लगते है । तनाव को 20वी सदी में सिंड्रोम की संज्ञा दी गई है। 2020 तक हार्ट अटैक के बाद डिप्रेशन विश्व की दूसरे नंबर की स्वास्थ्य समस्या होगी। आज के प्रतिस्पर्धा के युग में लोगो को सफलता पाने की होड़ मची हुई है। जिससे उनमे असफल हो जाने पर हीन भावना उत्पन्न होने लगी है । डिप्रेशन से बचने के लिए डॉ सिंह ने बताया की नियमित व्यायाम, स्वस्थ जीवन शैली, समय का बेहतर उपयोग, खुद और अपने परिवार से प्यार, सही सोच वाले लोगो का साथ, संतुलित नीद, संतुलित भोजन, सुबह शाम टहलना, सोशल साइट्स या इन्टरनेट का कम प्रयोग करना, एकांत में अधिक देर नहीं रहना इन सभी को अपने जीवन शैली में उतार कर अवसाद से बचा जा सकता है ।
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