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देवगांव: जलसा : दुनियावी शिक्षा के साथ दीन की शिक्षा से भी परिचित होना जरूरी है



देवगांव/आजमगढ़: स्थानीय क्षेत्र के बैरीडिह में शुक्रवार की रात एक जलसे का आयोजन किया गया। जलसे मे बनारस से आए मुफ्ती सुफियान मजाहरी ने कहा जब अंग्रेजों ने मुसलमानों से सत्ता छीन ली तो वह मुसलमानों को समाप्त करने की कोशिशें करने लगे। जब उन्होंने इनको समाप्त करने के लिए अनुसंधान किया तो बताया गया कि जब तक इन्हें कुरान की शिक्षा से दूर न कर दिया जाए तब तक इन्हे समाप्त नहीं किया जा सकता। किंतु मुसलमानों के वास्तविक शुभचिंतकों ने दारुल उलूम देवबंद के साथ साथ अनेकानेक मकतब और मदरसे तामीर कराये जिनकी रोशनी से मुसलमान आज भी लाभांवित हो रहे हैं।
हदीस में आता है कि स्वयं के साथ अपने बच्चों को जहन्नम की आग से बचाओ। पिता अपने बच्चों को तथा पति अपनी पत्नी को जहन्नम की आग से तभी बचा सकते हैं जब इनकी निगरानी के साथ हम इस्लामिक उसूलों पर चलते हुए अपने बच्चों को दुनियावी शिक्षा के साथ दीन की शिक्षा से भी परिचित करायेंगे।
मुफ्ती मोहम्मद सालेह ने कहा मुसलमानों की परेशानी की सबसे बड़ी वजह कुरान की तालीम से दूरी और आपसी फूट है। यदि हम इन दोनों पर विजय प्राप्त कर लें तो हम स्वयंमेव सफल हो जाएंगे।
इससे पूर्व जलसे का आरंभ कारी रागिब अजहर की तिलावते कुरान तथा मौलाना परवेज मेरठी की नातपाक से हुआ। इसके अतिरिक्त मौलाना गुफरान कासमी, मुफ्ती अशरफ ने भी संबोधित किया। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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