आजमगढ़। यूपी में सत्ता बदलने का असर साफ दिख रहा है। अधिकारी साफ तौर पर सीएम योगी के तेवर से खौफ में दिख रहे हैं। यही वजह है कि सालों तक मामलों को दबाये रखने वाली पुलिस अब अपनों को भी नहीं बख्श नहीं। आजमगढ़ में चौबीस घंटे के भीतर सिपाही और थानाध्यक्ष पर हुई दो बार कार्रवाई इसका प्रमाण है। बताते हैं कि थ्रेसर खरीदने के लिए मेले में पशु बेंचकर लौट रहे किसान को तस्कर बताकर कंधरापुर के थाने के सिपाही विष्णुकांत द्विवेदी ने 40500 रूपये वसूल लिये। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी ने जांच कराई और आरोप सिद्ध होने पर पहले सिपाही और थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया और फिर दिन सुबह निलंबित भी कर दिया। मऊ जनपद के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के तुलसीपुर कुड़वा गांव निवासी विश्राम यादव पुत्र स्व. पलकधारी यादव ने 28 मार्च की शाम को पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि गेहूं की दंवरी के लिए ट्रैक्टर चालित बड़ी थ्रेशर मशीन खरीदने के लिये वह अपनी 6 भैंसे लेकर अपने लड़के व भतीजे के साथ भैंस मेला जुबेरगंज, जनपद फैजाबाद गया था। वहां 4 भैंसे बेचकर व शेष बची 2 भैसों को लेकर ढ़ाला गाड़ी से वापस लौट रहा था कि 27 मार्च की रात करीब 2 से 3 बजे के मध्य मन्दुरी हवाईपट्टी के पास कन्धरापुर थाने की पुलिस द्वारा गाड़ी को रोककर पूछताछ करने के बाद वाहन थाने में खड़ा करा दिया गया। काफी मिन्नत करने के बाद आरक्षी विष्णुकान्त द्विवेदी ने 40500 रूपये लेकर वाहन छोड़ा। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसी रात को मामले की जांच सहायक पुलिस अधीक्षक प्रक्षिशु सतपाल से मामले की जांच कराई गई। जांच में आरक्षी विष्णुकान्त द्विवेदी पर शिकायतकर्ता से 40500 रूपये लेने का आरोप सिद्ध हुआ। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने 28 मार्च की मध्य रात्रि को थानाध्यक्ष कंधरापुर फरीद अहमद तथा आरक्षी विष्णुकान्त द्विवेदी पुलिस लाइन्स स्थानान्तरित कर दिया। साथ ही पीड़ित का पैसा भी वापस कराया। 29 मार्च को जांच आख्या मिलने के बाद एसपी ने दोनों को निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जहां कहीं भी पुलिस कर्मियों द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए पाया जाये, उनकी लिखित शिकायत करे, मामले की जांच कराकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
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