वाराणसी। मुंबई में मीट शाप पर काम करने वाले रईस बक्श की उसी के साथी इरफान ने गला रेतकर और चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद वह वहां से भाग निकला। मर्डर की तफ्तीश के दौरान मुंबई पुलिस को इरफान के वाराणसी में छिपे होने की जानकारी मिली तो उसने एसटीएफ बनारस से संपर्क कर सहयोग मांगा। इस सूचना पर सक्रिय एसटीएफ ने इमरान को मंगलवार को हुकुलगंज से गिरफ्तार कर लिया।
मीट शॉप में नौकरी करता था इरफ़ान इलाहाबाद के सिरसा-मेजा (इलाहाबाद) का मूल निवासी इरफान कामकाज की तलाश में इरफान दो-तीन साल पहले मुंबई चला गया था। वहां काफी प्रयास के बाद उसे एक मीट शाप में नौकरी मिल गई। उस मीट शाप में उन्नाव का रहने वाला रईस बक्स भी काम करता था। दोनों एक साथ रहते भी थे। पुलिस की जानकारी के मुताबिक 2/3 मार्च की रात इरफान और रईस में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इससे खफा इरफान ने उसी रात रईस का गला मांस काटने वाले छुरे से रेत दिया। इससे भी उसका मन नहीं भरा तो इरफान ने चाकू से उसका पूरा शरीर गोद डाला। इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद इरफान बनारस भाग आया और यहां हुकुुलगंज में किराए का कमरा लेकर रहने लगा। बनारस एसटीएफ ने पकड़ा मुंबई पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो इसमें इरफान की भूमिका का पता चला। मुंबई पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि इरफान भागकर बनारस गया है। इस पर मुंबई पुलिस ने बनारस एसटीएफ से संपर्क कर सहयोग मांगा। मुंबई पुलिस की सूचना पर एसटीएफ के इंस्पेक्टर और आजमगढ़ जनपद के मूल निवासी विपिन राय ने अपने सहयोगियों ज्ञानेंद्र सिंह, गिरीश त्रिपाठी, अंगद यादव, वृंदावन राय और राजेंद्र को साथ लेकर मंगलवार को इरफान को हुकुलगंज से गिरफ्तार कर लिया। इरफान के पकड़े जाने की सूचना एसटीएफ ने मुंबई पुलिस को जानकारी दे दी है। वहां से एक टीम इरफान को ले जाने के लिए मुंबई से बनारस के लिए रवाना हो गई है।
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