आजमगढ़ । फाइन आर्ट सेंटर द्वारा श्रीमन मंगलम होटल के सभागार में गुरुवार से आयोजित तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी एवं कलात्मक परिचर्चा का उद्घाटन मंडलायुक्त नीलम अहलावत ने किया।उन्होंने कलाकारों द्वारा निर्मित पेंटिंग का अवलोकन किया और कलाकारों से उनकी कृतियों के बारे में विस्तारपूर्वक बातचीत की। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में पंचतत्व विषय पर कलाकारों द्वारा जो सृजन किया गया है उसमें बहुत बड़ा सन्देश है। यह कृतियां बहुत कुछ कहती हैं। कला किसी भी सभ्यता की पहचान होती है। यह कलाकारों की जिम्मेदारी होती है कि अपनी कला के माध्यम से सभ्यता और संस्कृति को सजोये।कला मन और भावनाओं का संगम है जो आज यहाँ देखने को मिला। उन्होंने कहा कि पंचत्व विषय पर समाज के सभी वर्गों को जागरूक होने की जरुरत है। ग्लोबल वार्मिग, जल प्रदूषण , वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं से आज पूरा विश्व जूझ रहा है।यह कृतियां इन विषयों पर संवेदनशील बनाने में बड़ी भूमिका अदा करेंगी। फाइन आर्ट सेंटर की निदेशिका डॉ लीना मिश्रा ने कहा कि कलाकार की कृतियां बहुत मेहनत का परिणाम होती है। एक कला के निर्माण में कलाकार का जो समर्पण होता उसको आज समझने की जरुरत है। विषय प्रवर्तन कार्यक्रम के संयोजक डॉ कौशलेंद्र मिश्र ने किया। फाइन आर्ट सेंटर आजमगढ़ द्वारा ऑनलाइन राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 15 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2016 तक आयोजित की गई थी। इसका विषय पंचतत्व था, जिसमें प्रकृति के मूल तत्व जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी एवम् आकाश के अन्तर्सम्बन्धों पर आधारित पेंटिंग बनाई गई । इसमें 18 से कम उम्र के जूनियर वर्ग व् 18 से अधिक के सीनियर वर्ग निर्धारित थे। देश भर से कुल 128 प्रविष्टियाँ आईं थी जिसमें जूनियर वर्ग में 54 एवम् सीनियर में 74 कलाकारों ने भाग लिया था। जिसमें आज़मगढ़ के 36 कलाकार थे। इन कलाकारों की कृतियों को आज प्रदर्शित किया गया।हर कृति अपनी अलग कहानी कह रही थी। डॉ सिद्धार्थ सिंह ने धन्यवाद् ज्ञापन किया एवम सञ्चालन डॉ ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर डॉ शशि श्रीवास्तव, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, श्री नाथ सहाय, शैलेश पाठक, राहुल राय, तरकश आज़मी, पूनम तिवारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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