आजमगढ़। रंगों के अधिक प्रयोग से त्वचा ड्राई हो जाती है और इन्हीं कारणों से बहुत से रसायन त्वचा की अंदरूनी सतह को नुकसान पहुंचाते हैं। होली में इस्तेमाल किये जाने वाले रंगों में मौजूद केमिकल से त्वचा को नुकसान पहुंचने की संभावनाए प्रबल होती है। घर के छोटो छाटे बच्चे भी रंगो से सराबोर होते है। जनपद के प्रतिष्ठित चिकित्सक पीयूष यादव ने कहा कि होली में हर्बल कलर व गुलाल का प्रयोग करे,साधारण रंगो में रसायनों के साथ शीशे का अंश होता है जिससें तव्चा को ज्यादा नुकसान पहुचाता है। लोगो से अपील है कि हर्र्बल कलर का प्रयोग करें और आपस में मिलजुल कर पर्व को मनाये।
-होली खेलें मगर सावधानी से- 0 अच्छी गुणवत्ता वाले रंगों का प्रयोग करें। 0 परमानेंट रंगों से दूर रहें क्यों कि इनमें डाई होती है। 0 पानी में घुलनशील रंगों का प्रयोग करें। 0 गोल्डन व सिल्वंर जैसे रंगों का प्रयोग ना करें। 0 अधिकतर सूखे रंगों में सीलिका के तत्व होते हैं और वो आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 0 रंगों से एलर्जी भी हो सकती है। 0 रंगों के अत्यधिक प्रभाव से बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं।
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