प्यारे साथियों आजमगढ़ में छठे चरण का मतदान 4 मार्च, शनिवार को होगा। देश की आधी आबादी महिलाओं की है। महिलाएं धरती से लेकर आसमान और अंतरिक्ष तक भेद रही हैं। महिलाएं न केवल दफ्तर तक बल्कि अब शव को कंधा देकर श्मशान तक पहुँचने लगी है। जिस क्षेत्र में देखो महिलाएं आगे है। पुरुषों से कदमताल मिलाकर समाज और देश की उन्नति में आगे बढ़ रही है। ऐसे में महिलाएं राष्ट्र के निर्माणकर्ता विस चुनाव में मतदान देने में पीछे कैसे रह सकती है। महिलाओं को आगे आकर मतदान करना चाहिए और पांच साल मजे लेने वाले नेताओं को बताना चाहिए कि जनता को जबाब देना आता है। फगुनहटी बयार में महिलाओं को संकल्प लेना चाहिए कि वह गीत गाते, झूमते-नाचते मतदान स्थल तक जाएंगी और ईवीएम (मतदान मशीन) का बटन दबाकर लोकतन्त्र के महापर्व में भागीदारी करेंगीं। साथियों गलत होने पर हम पांच साल सरकारों, विधायकों को कोसते है, चर्चा करते है और फिर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते है कि आखिर हम क्या कर सकते है? दोस्तों आप अब कर सकते है, आप नेताओं की बदजुबानी, उनके कार्यों की समीक्षा करते हुए बटन दबाएं। नहीं समझ में आए तो 'नोटा' (कोई पसंद नहीं) के निशान को अपनाये, ताकि नेताओं को यह लगे कि जनता को नकारना भी आता है। कुर्सी उनको जनता के रहम पर मिलती है और न काम करने पर वह सिंहासन से उतारकर शूल के कुर्सी पर बैठा देगी। आइये हम संकल्प लें कि मतदान अवश्य करेंगे। आगामी समय में सुनहरे प्रदेश का भविष्य देखेंगे। जय हिन्द !
डॉ डी डी सिंह शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ चाइल्ड केयर क्लिनिक सिधारी, आजमगढ़
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