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मण्डलायुक्त ने विकास कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा: जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि

आज़मगढ़ 20 मार्च -- मण्डलायुक्त नीलम अहलावत ने सोमवार को अपने कार्यालय के सभागार में विकास कार्यक्रमों से सम्बन्धित शासन के एजेण्डा बिन्दुओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि कई ऐसे विभाग हैं जो निर्वाचन प्रक्रिया से सम्बन्धित नहीं हैं, फिर भी उनकी प्रगति काफी खराब है। उन्होने राज्य पोषण मिशन में फीडिंग की स्थिति अत्यन्त खराब मिलने पर पर आज़मगढ़ के जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होनें कृषि विभाग के अधिकारियों को भी आगाह किया कि यदि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कोई भी योजना अपूर्ण रह जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार डीएफओ के समीक्षा बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने बैठक में विद्युत विभाग के मुख्य अभियन्ता को निर्देश दिया राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत मण्डल के जिन 2453 गावों में खम्बे आदि लगा दिये गये हैं उन गावों को इस माह के अन्त तक उर्जीकृत करना सुनिश्चित करें तथा इसके बाद ही अन्य गांव को टेकअप करें। उन्होने इस योजना में जनपद मऊ की प्रगति अत्यन्त खराब मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए युद्धस्तर पर कार्यो को सम्पादित करने हेतु निर्देशित किया। मण्डलायुक्त श्रीमती अहलावत ने बैठक के दौरान समस्त विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब बैठक में आयें अपने विभाग से सम्बन्धित पूरी जानकारी के साथ आयें। इसके साथ ही उन्होंने मा0 न्यायालयों में योजित रिट याचिकाओं में प्रतिशपथ पत्र फाइल करने में कतिपय विभागों द्वारा बरती जा रही शिथिलता पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि काफी बड़ी संख्या में लम्बित रिट याचिकाओं में प्रतिशपथ पत्र दाखिल किया जाना है, परन्तु विभागों द्वारा अनावश्यक रूप से इसमें विलम्ब किया जा रहा है। उन्होने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि मा0सर्वोच्च न्यायालय, मा0उच्च न्यायालय अथवा सिविल कोर्ट में योजित मुकदमों में तत्काल प्रतिशपथ पत्र दाखिल करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत करायें। उन्होने आगाह किया कि यदि किसी विभाग द्वारा प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने में शिथिलता पाई तो सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
मण्डलायुक्त नीलम अहलावत ने किसान पारदर्शी योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि किसानों का शत प्रतिशत पंजीकरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि विकास कार्यक्रमों की राज्यस्तर पर हुई ग्रेडिंग में जनपद आज़मगढ़ 34वें, बलिया 55वें एवं मऊ 10वें स्थान पर है। उन्होने कहा कि यद्यपि कि इसमें कुछ सुधार हुआ है परन्तु यह अपेक्षानुसार नहीं है। उन्होने कहा कि आज़मगढ़ एवं बलिया में और तेजी लाई जाय। मण्डलायुक्त ने विद्यालयों में नामांकन, उपस्थिति और पौष्टि आहार वितरण की स्थिति भी असन्तोषजन पाये जाने पर नाराजगी ज़ाहिर करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया इसमें तत्काल सुधार हेतु सार्थक प्रयास किये जायें। इसी प्रकार स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण में भी कमी मिलने पर अपर निदेशक, स्वास्थ्य को इस ओर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान पाया गया कि प्राप्त बजट के सापेक्ष गुल निर्माण एवं जल निकासी की स्थिति भी सन्तोषजनक नहीं है। उन्होने सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता से स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया। उन्होने स्वास्थ्य विभाग की निर्माणधीन परियोजना की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्था लैकफेड के परियोजना प्रबन्धक को निर्देश दिया कि जिन स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तथा जहाॅं हैण्डपम्प आदि लगवाने हैं वहाॅं तत्काल कार्य पूरा करते हुए उसे इस माह के अन्त तक अनिवार्य रूप से सम्बन्धित विभाग को हैण्डओवर करना सुनिश्चित करें। उन्होने अनाटाइड फण्ड के व्यय में बलिया की स्थित खराब है, इस पर उन्होने विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी आज़मगढ़ सुहास एलवाई, जिलाधिकारी बलिया गोविन्द राजू एनएस, जिलाधिकारी मऊ निखिल चन्द्र शुक्ला, संयुक्त विकास आयुक्त हीरालाल, आज़मगढ़, बलिया एवं मऊ के मुख्य विकास अधिकारी क्रमशः महेन्द्र वर्मा, आशुतोष कुमार द्विवेदी, सन्तोष कुमार, एडी बेसिक नन्दलाल सिंह, उप निदेशक, विकलांग जन विकास राजकुमार सिंह, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या राजाराम यादव, मुख्य अभियनता विद्युत, अधीक्षण अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, अपर निदेशक, स्वास्थ्य सहित अन्य मण्डलीय अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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