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शिब्ली नेशनल महाविद्यालय: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हुआ संगोस्ठी का आयोजन

आजमगढ़। शिब्ली नेशनल पी.जी.महाविद्यालय में मंगलवार को भौतिकी विज्ञान विभाग द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कायक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डा.ग्यास असद खान ने किया। स्वागत गीत बी.एस.सी.द्वितीय वर्ष की छात्राओं तथा स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष सैयद ताहिर हुसैन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डा.इमरान अजीज ने किया। प्रचार्य डाँ. ग्यास असद खान ने कहा कि ऐसे आयोजन से छात्र,छात्राओं के बीच विज्ञान के प्रति प्रतिस्पर्दा बढ़ती है तथा समाज को विज्ञान में हो रहे शोध की कई जानकारियां प्राप्त होती है । सर चन्द्रशेखर वेंकटरमन सुविख्यात भौतिकविद् थे, जिन्हें 28 फरवरी 1930 को भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। उनके द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन पर किये कार्य और उस प्रभाव की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से रमन को सम्मानित किये जाने से भारत गौरवान्वित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर.एस.सिंह को प्राचार्य ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। मुख्य वक्ता डाँ.आर.एस.सिंह ने कहा कि बींसती सदी के प्रमुख वैज्ञानिकों में चन्द्रशेखर केवल 18वर्ष की आयु में ही ,वे ध्वनि विवर्तन पर 1906ई मेंं ही लंदन की फिलाँसफिकल मैंग्जीन में प्रकाशित अपने पहले शोध-पत्र के कारण विज्ञान की दुनिया में चर्चित और विख्यात हो गए थे । उन्होंने ध्वनि प्रकाश और चुम्बकत्व के क्षेत्र में अनेक महत्वपुर्ण खोज किया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को सम्बोधित करते हुए विवभागाध्यक्ष सैयद ताहिर हसन ने कहा कि रमन ने पानी में से पारदर्शी बर्फ के टुकड़ों या अन्य माध्यमों से गुजरती सूर्य की किरणों के विकीर्णन पर भांति भाति के प्रयोग और अनुसंधान करते रहें। उन्होंने मर्करी आर्क और स्पेक्ट्रम में कई प्रदार्थों से प्रकाश किरणों को गुजारकर स्पेक्ट्रम में कुछ नई रेखाएँ प्राप्त की,जो बाद में रमन रेखाएँ कहलाई और इस नए प्रभाव का नाम रमन प्रभाव रखा गया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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