आज़मगढ़ : बहुजन समाज पार्टी के साथ उलेमा कौंसिल के गठबंधन के बाद अब दोनों के दलों के नेता आजमगढ़ और आसपास के सभी जिलों के सभी विधानसभा में जाकर संयुक्त प्रचार प्रसार में लग विरोधी दलों को पीछे छोड़ने पर उतारू हो गए हैं। शनिवार को उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना ताहिर मदनी और बीएसपी के पूर्व सांसद डॉ बलिराम ने एक साथ प्रेस वार्ता में बसपा की नीतियों का समर्थन करते हुए बहुमत मिलने का दावा किया । उलेमा के नेता मदनी ने कहा कि कौंसिल पूर्वांचल की 130 से 135 सीटों पर प्रभाव डालेगी । उन्होंने जोर दे कर कहा की पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा मुसलमानों से सम्बंधित एक दर्जन वादे किये गए थे लेकिन अब भी एक भी पूरे नहीं किये और अब आलम यह है की अब मुलायम खुद अखिलेश को मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं । उनका दवा है की इन हालातों में अल्पसंख्यक लॉ एंड आर्डर के राज को बहाल करने को बसपा के साथ जुड़ रहे हैं। उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि एक तरफ बीजेपी साम्प्रदायिक भावना से काम कर दो धर्मों को बांटने का काम कर रही है, सबका साथ सबका विकास का नारा छोड़ एक बार फिर लव जिहाद, गौ रक्षा, मंदिर, पलायन आदि मुद्दों से ध्यान भटका रही है। वहीँ बसपा नेता और पूर्व सांसद डा0 बलिराम ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों और गुंडागर्दी को जहाँ रुकना है वहीँ क़ानून व्यवस्था को कायम रखने को बहन जी को मुख्यमंत्री बनाना हम सभी का एकमात्र लक्ष्य है। अचानक बसपा से गठबंधन करने के सवाल पर उलेमा महासचिव ने कहा की देश और समाज को एकजुट रखने को यह जरूरी था साथ ही यह भी जोर दे कर कहा की अगर बसपा के साथ हमारा यह प्रयोग कामयाब रहा तो आगे भी यह साथ कायम रहेगा।
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