मेंहनगर-आजमगढ़। कश्मीर में हुए भयानक हिमस्खलन में सेना के शहीद हुए जनपद आजमगढ़ के नायक अजित सिंह का शव बुधवार को पैतृक गांव लाया गया। उनके अन्तिम दर्शन के लिए हजारों नम आंखें इंतजार कर रही थी। इन आंखों में जहां अपने लाडले के शहादत का गम तैर रहा था वहीं देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले अपने बेटे के प्रति गर्व का भी भाव था। भारी पुलिस फोर्स भी तैनात थी। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी वहां पर मौजूद रहे। इस जिले के तरवां थानाक्षेत्र के जमीरपुर गांव का रहने वाला मिलेट्री का नायक इस जिले का लाडला अजीत सिंह जम्मू काश्मीर के ओरेज में तैनात था। बहादुरी के साथ वह अपने देश की सीमा की सुरक्षा में लगा हुआ था। बीते सप्ताह हिमस्लखन व बर्फीले तूफ़ान की वजह से वह अपने कुछ साथियों के साथ शहीद हो गया। इसकी सूचना के साथ ही परिजनों के साथ-साथ पूरा इलाका गम और गर्व के सागर में हिचकोले खा रहा था। बुधवार को सेना के विमान से उसका पार्थिव शरीर देर शाम बाबतपुर हवाई अड्डे पर पहुंचा। वहां से सेना के वाहन से यह पार्थिव शरीर मृतक के पैतृक गांव जमीरपुर लाया गया। यह शव सेना के उसके साथी लेकर आये। तिरंगे में लिपटे नायक अजीत सिंह को सेना के साथियों ने सलामी दी। इसके साथ ही जिले की पुलिस ने भी सलामी दिया। मृतक के परिवार में पिता अनिरूद्घ सिंह व मां के अलावा पत्नी व दो बेटे हैं। उसकी शादी 11 साल पहले हुई थी। शहीद के पिता भी आर्मी की सेवा में रह चुके हैं और वर्ष 1985 में रिटायर हुए। शहीद के दो पुत्र आर्यन 9 वर्ष व अंश प्रताप 7 वर्ष हैं। वर्ष 2001 में बीए प्रथम वर्ष की पढाई के दौरान ही अजीत ने आर्मी में भोपाल से भारती पास क्र ली थी।
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