आजमगढ़ : विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग की नजर उन अधिकारियों पर है जो तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी तैनात हैं। इस बात का भी ब्यौरा तलब किया है कि किस विभाग का कौन अधिकारी पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जिले में तैनात रहा। यही नहीं, यह भी जांच के दायरे में है कि संबंधित अधिकारी का कोई सगा-संबंधी जिला या पड़ोसी जिले में तो चुनाव नहीं लड़ रहा है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य सचिव ने विधानसभा चुनाव-2017 में अब तक के अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती की जानकारी तलब की है। इसमें पूछा गया है कि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) समेत निर्वाचन कार्य से जुड़े़ कोई भी अधिकारी जिले में चार वर्ष में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी तैनात तो नहीं हैं। यह भी पूछा गया है कि क्या वे विधानसभा चुनाव 2012 और लोकसभा चुनाव 2014 में भी यहां कार्यरत तो नहीं रहे। क्या उनकी तैनाती संबंधित चुनाव क्षेत्र में उनके निवास क्षेत्र के करीब तो नहीं है या रही है। आयोग ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि संबंधित अधिकारी के बारे में यह जानकारी दी जाए कि उनका कोई सगा-संबंधी जिला या आसपास के जिले से तो विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा है। आयोग के निर्देशानुसार प्रशासन संबंधित जानकारी को एकत्र करने में लगा है।
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