आजमगढ़.: नामांकन प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में आ चुकी है इस हिसाब से सोमवार को खासी गहमा गहमी में चार दर्जन से ज्यादा नामांकन दाखिल भी हुए पर इसी बीच दीदारगंज में भाजपा की बगावत भी खुलकर सामने आ गई है। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद पूर्व सांसद रमाकांत यादव के भाई की बहू ब्लॉक प्रमुख अर्चना यादव ने दीदारगंज विधानसभा से निर्दल पर्चा भर दिया है। इससे जिले की राजनीति गरम हो गई है और यह माना जा रहा है कि इसका नुकसान भाजपा को चुनाव में उठाना पड़ सकता है। गौरतलब है की इस सीट से बीजेपी ने बसपा से भाजपा में आये कृष्णा मुरारी विश्वकर्मा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं पूछने पर रमाकांत यादव ने गोलमोल जवाब दिया कि वे भाजपा के साथ भी हैं और परिवार के भी साथ है । आगे कहा की रहा सवाल अर्चना के नामाकंन का तो लोकतंत्र में सभी को अधिकार है और वह स्वतंत्र हैं। बता दें कि, पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने भजापा से तीन टिकट की दावेदारी की थी। वे दीदारगंज से अर्चना यादव, फूलपुर से अपने पुत्र अरूण कांत यादव को लड़ाना चाहते थे जबकि निजामाबाद सीट पर भी उनकी दावेदारी अपने खास के लिए थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें मात्र एक सीट फूलपुर दिया। यहां से उनके पुत्र अरूणकांत को प्रत्याशी बनाया गया। बाकि दो सीटों पर भाजपा ने दूसरे प्रत्याशी उतार दिये। इसके बाद रमाकांत ने बगावत करते हुए तीनों सीट पर निर्दल चुनाव लड़ने की घोषणा की थी लेकिन बाद में वे मान गए और एक ही सीट पर लड़ने का फैसला किया। इसी बीच उनके भाई की बहू सोमवार को एकाएक कलेक्ट्रेट पहुंची और दीदारगंज सीट से निर्दल पर्चा भर दिया। इस दौरान भजापा जिलाध्यक्ष प्रेमप्रकाश राय और पूर्व सांसद रमाकांत दूसरे प्रत्याशियों का नामाकंन दाखिल कराने के लिए कलेक्ट्रेट पर मौजूद थे। जब पूर्व सांसद से अर्चना के नामाकंन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मामले से गोलमोल जवाब दे कर पल्ला झाड़ लिया और कहा कि वे पार्टी के साथ हैं। वहीँ अर्चना ने भी कहा की सांसद जी पार्टी का प्रचार तो करेंगे लेकिन उनका आशीर्वाद भी मुझे मिलेगा , पार्टी का समर्थन करते हुए उन्होंने अफ़सोस भी जाहिर किया की भाजपा ने जनपद में नारी शक्ति के लिए एक भी टिकट नहीं आवंटित किया। वैसे राजनितिक पंडित इस कदम को पूर्व सांसद के द्वारा अंतिम समय में डाली गयी दबाव की राजनीति ही मान कर चल रहे हैं।
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