आजमगढ़ : केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मी मंगलवार को हड़ताल पर रहे। इसकी वजह से 100 करोड़ का लेन-देन जहां ठप रहा वहीं 25 करोड़ की क्लीयरिंग भी प्रभावित रही। दिनभर विभिन्न बैंकों में ताले लटके रहे। इसकी वजह से उपभोक्ताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। चुनाव और शादी-विवाह का माहौल चल रहा है, ऐसे में नकदी के लिए एटीएम पर भी मारामारी की स्थिति रही। कुल मिलाकर बैंक कर्मियों की हड़ताल से कारोबार पूरी तरह से प्रभावित रहा। हड़ताली कर्मियों ने भारत सरकार से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में व्यावसायिक बैंकों के समान पेंशन सुविधा व सेवा शर्त, मृतक आश्रति नियुक्ति योजना, दैनिक मजदूरों का नियमितीकरण व न्यूनतम मजदूरी का भुगतान, बैं¨कग उद्योग में आगामी वेतन समझौते को शीघ्र सम्पन्न किए जाने, सभी संवर्ग में पर्याप्त कार्मिकों की भर्ती, सेवानिवृत्ति लाभों में सुधार व आयकर से मुक्ति, विमुद्रीकरण के दौरान कार्मिकों के अतिरिक्त कार्यों की प्रतिपूर्ति इत्यादि की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में ग्रामीण बैंक अधिकारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन, आफिसर्स एसोसिएशन के महामंत्री शशिकांत श्रीवास्तव, आफिसर स्टाफ एसोसिएशन के संरक्षक अमीर अहमद, गिरीश राय, कार्यवाहक अध्यक्ष हरेन्द्र कुमार अस्थाना, इम्प्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री रवीन्द्र ¨सह, आईसी श्रीवास्तव, शेख सारिक अली, राजेंद्र मौर्य, अनिल ¨सह, एसडी पाक, एसपी राय, राजीव मिश्र आदि उपस्थित थे। इसी प्रकार जिला मुख्यालय स्थित यूनियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर सुबह दस बजे से हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। मो. आरफ ने कहा कि केन्द्र की वर्तमान सरकार मजदूर विरोधी है। सरकार द्वारा ट्रेंड यूनियन अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। बैंकों में हो रहे समाज विरोधी बदलाव को तुरन्त बंद किया जाए। बैंकों को उनके मूल स्वरुप के साथ छेड़छाड़ न किया जाए और उसका मर्जर न किया जाए। मंत्री दुर्गा शंकर प्रसाद ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंकों का व्यवसाय काफी प्रभावित रहा है। इसकी भरपाई की जाए। इस अवसर पर विष्णु गुप्ता, राजेश यादव, सदरे आलम, योगेन्द्र, अशोक पांडेय आदि उपस्थित थे।
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