.

वायु प्रदूषण पर कार्यशाला, क्षेत्रीय स्तर पर संयुक्त रूप से रणनीति बनेगी

आजमगढ़ : मंगलवार को नगर के रोडवेज स्थित होटल में बढ़ते पर्यावरण संकट और जरूरी हस्तक्षेप विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूरे पूर्वांचल के सभी जिलों में घटती वायु गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर पड़ते दुष्प्रभावों पर चर्चा की गयी। 100 परसेंट उत्तर प्रदेश अभियान के अंतर्गत इस कार्यशाला का आयोजन लोकनायक पूर्वांचल साथी संस्थान, ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान (जीपीएस), आजमगढ़ और केयर 4 एयर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस कार्यशाला की शुरुवात जी पी एस के वरिष्ठ सदस्य श्री राजदेव चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर वायु प्रदूषण के बारे में विस्तार से तकनीकी पक्षों को बताते हुए ग्रीनपीस संस्था के अभियानकर्ता श्री सुनील दहिया ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पूरे प्रदेश में छाये हुए कुहरे में भारी मात्रा में पी एम् 10 और पी एम् 2.5 के कण भी घुले हुए हैं। यह कण सीधे रूप से श्वांस संबंधी रोगों, अस्थमा, एलर्जी, कैंसर आदि रोगों के वाहक हैं। इनका असर ज्यादातर बच्चों, बुजुर्गों और सड़क पर ज्यादा वक्त गुजारने वालों पर पड़ता है। ऐसे में, हवा में रोजाना घुलने वाले जहर को कम करने की दिशा में प्रयास करना बहुत जरूरी है।
श्री सुनील दहिया ने एक पावर प्वाइंट प्रस्तूतिकरण के माध्यम से आगे बताया कि उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषण के साथ साथ वाहनों की बढ़ती संख्या और अनियंत्रित निर्माण कार्य भी हवा को प्रदूषित करने के मुख्य स्रोत हैं। ऐसे में, यह जरूरी हो जाता है कि प्रादेशिक स्तर पर सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था बेहतर बने और पेट्रोल डीजल और कोयला आधारित उद्योगों और वाहनों से छुटकारा पा कर जल्द से जल्द सौर ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन का उपयोग शुरू किया जाए।
इस अवसर पर 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान के द्वारा उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में चल रही गतिविधियों की जानकारी केयर 4 एयर के कार्यकर्ता रवि शेखर ने दी।
दिल्ली से आये पर्यावरण कार्यकर्ता फ़राज़ अहमद ने बताया कि जिला आधारित योजनाए बना कर इस संकट का समाधान नहीं किया जा सकता। पर्यावरण के सवाल पर मिल कर एक क्षेत्रीय कार्यक्रम बनाने से ही कोई सफलता मिल सकेगी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए साथी नेटवर्क के अध्यक्ष शशि भूषण ने आयोजकों को इस  महत्वपूर्ण आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जी पी एस का बेहद ही सार्थक प्रयास है जिससे न केवल हवा में बढ़ते प्रदूषक तत्वो को समझने में मदद मिलती है बल्कि मिल कर एक साझा रणनीति बनाने की जरूरत भी समझ में आयी है।
इस कार्यशाला में महाराजगंज, मऊ, बलिया, फैज़ाबाद, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, बस्ती, गोरखपुर, गाज़ीपुर आदि जिलों के संगठन शामिल हुए। कार्यशाला के दूसरे हिस्से में सभी उपस्थित संगठनों ने मिल कर साझी रणनीति पर सहमति जताई। सब ने मिल कर यह तय किया कि आसन्न विधानसभा चुनाव में मिल कर राजनीतिक दलों पर यह दबाव बनाया जाए कि वे पर्यावरण को एक प्रमुख एजेंडे के रूप में अपने घोषणापत्र में शामिल करें।
धन्यवाद ज्ञापन  राजदेव चतुर्वेदी ने किया। पहले सत्र की अध्यक्षता शशि भूषण , अध्यक्ष साथी संस्थान ने की जबकि दूसरे सत्र की अध्यक्षता अमरनाथ शर्मा, साकेत संस्थान आजमगढ़ ने की।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment