आज़मगढ़ : धर्मेन्द्र श्रीवास्तव : समाजवादी पार्टी के परिवारिक विवाद में पहला निर्णायक फैसला आने का असर आज़मगढ़ में भी दिखा । आज उस गावँ का हाल बता रहे है जिसे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव सांसद आदर्श गांव योजना ने गोद लिया है। वर्तमान परिस्तिथियों में इस गावँ के लोगों का बयान सुनकर आप आश्चर्य में पड़ सकते हैं । एक तो इतने बड़े नेता की हैसियत को पहले बेटे ने घटा दिया फिर आज़मगढ़ के नौ विधायक और सभी एम एल सी तो शक्ति प्रदर्शन में पहले ही मुलायम का साथ छोड़ चुके थे , अब आज़मगढ़ जिले के उस गावँ के लोग भी उनके साथ नही जिसे अज़मगढ़ के सांसद मुलायम सिंह ने गोद लिया था । आपको बता दें की वैसे तो मुलायम की जनीतिक हैसियत राष्ट्रीय स्तर की रही है । उन्होंने राजनीतिक सफर की लंबी पारी उत्तर प्रदेश के इटावा , सैफई, जसवंतनगर और आस-पास के क्षेत्रो में बखूबी खेली । इन सब के बावजूद पूर्वांचल के आज़मगढ़ जिले पर उनकी काफी मेहरबानी रही , उनके प्रत्येक मुख्यमंत्रीत्व व रक्षामंत्रीत्व काल में आज़मगढ़ का काफी ध्यान रखा गया। 2014 के लोकसभा के आम चुनाव में जब उन्होंने मैनपुरी की जगह आज़मगढ़ की सीट को चुना तो सारे विपक्षी भी आश्चर्य चकित हो गये वहीँ मुलायम ने यह साबित किया की उनका गहरा लगाव आज़मगढ़ जनपद से है । वे मैनपुरी और आज़मगढ़ दो संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े लेकिन उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़कर अपना प्रेम आज़मगढ़ के प्रति दिखाया ।आज़मगढ़ से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने सदर विधानसभा के उस तमौली गावँ को गोद लिया जिस गावँ के लोगों ने उनके चुनाव में सबसे ज्यादा वोट दिया था । सरकार ने इस गाव में डेरी उद्योग की स्थापना की स्टेडियम का शिलान्यास किया और गांव को आदर्श गावँ बनाने में लोग जुटे रहे । उत्तरप्रदेश की बर्तमान सरकार में साढ़े चार वर्षो से एक रहे अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने एन चुनाव के वक्त जब आपस में दंगल शुरू किया तो बेटा एकदम बागी हो गया और मुलायम सिंह यादव की पूरी टीम को समेट दिया । अब हालात यह है कि कुछ लोगों को छोड़ दिया जाय तो पूरी समाजवादी पार्टी बेटे अखिलेश यादव के साथ खड़ी दिखी । चुनाव आयोग ने भी पूरी समाजवादी पार्टी और चुनाव निशान साइकिल को अखिलेश को ही दे दिया । यहां तक उनका निजी मामला था लेकिन अब आश्चर्जनक रूप से आज़मगढ़ का तमौली गावँ भी उनका साथ छोड़ चूका है और वक़्त की नजाकत को भांप यह गांव भी बेटे अखिलेश के ही साथ दिख रहा है । मंगलवार की सुबह जब तमौली गाव के लोगों से पूछा गया की अब तो चुनाव आयोग के फैसले के बाद पिता पुत्र की तस्वीर साफ हो चुकी है, तो आप लोग मुलायम के साथ है की अखिलेश के ? तो सारे बूढ़े बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे व महिलाओं ने एक स्वर से कहा की सब अखिलेश के साथ है। ग्रामीणों ने आग्रह कर संदेश दिया की मुलायम सिंह को भी बेटे का साथ देकर उसे राजनीति में उच्च शिखर पर पहुंचने का आशीर्वाद देना चाहिए ।गावँ की प्रधान उषा देवी कहती है की अखिलेश प्रदेश नही देश के भविष्य है । पूर्व प्रधान कहते है की मुलायम को बेटे का साथ देकर मजबूत करना चाहिए अखिलेश की छवि साफ सुथरी और बेदाग है , उनमे राजनीति के गुण है वह तो एक दिन इस देश के प्रधानमंत्री बनेंगे । 80 वर्ष के अवध नारायन यादव है जिन्हें लोग प्यार से उपनाम मुलायम ही कहकर बुलाते है वह भी कहते है हर बाप का सपना होता है की बेटा दिनो दिन उचाई पर पहुंचे । मुलायम सिंह यादव को भी यही सोचना चाहिए । उन्होंने उम्मीद जताई और दावा भी किया की आज मुलायम सिंह यादव अखिलेश से दूर भले हों लेकिन वह भी एक दिन जरूर साथ देंगे । इस गाव के चंद्रजीत यादव, निर्मल यादव, मुसाफिर यादव , खरपत्तू यादव , मंगल यादव, पुनीत यादव सहित सभी के एक ही विचार थे और सभी ने कहा की पूरा गांव अखिलेश यादव और उनकी साइकिल के साथ है ।
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