आजमगढ़ : सिधारी थाने की पुलिस के लिए चुनौती बनी सामूहिक दुष्कर्म की घटना के खुलासे में चौकी प्रभारी मूसेपुर की भूमिका सक्रिय रही और नतीजा रहा कि घटना का मुख्य आरोपी अपने ही बुने जाल में फंस गया। चौकी प्रभारी ने बताया बुधवार की देर रात हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जानकारी होने पर पीड़िता के पास सरसरी जान कारी के साथ पुलिस टीम ने काम शुरू किया । रेलवे और रोडवेज के बीच रात्रि में ऑटो चलाने वाले से ज्यादा लोग थे पूरी पुलिस टीम इन सभी से स्थिति की तोह ले रही थी वहीँ मूसेपुर चौकी प्रभारी आरबी यादव खून से लथपथ युवती को अस्पताल पहुंचाने के बाद आरोपियों की टोह में जुट गए थे । घटना के दूसरे दिन ही रेलवे स्टेशन व रोडवेज क्षेत्र से उठाए गए आटो चालकों से हुई पूछताछ के दौरान कोई सूत्र हाथ नहीं लगा लेकिन पुलिस ने हिम्मत नहीं हारी। पुलिस ने सर्वप्रथम पीड़ित परिवार से आरोपियों की हुलिया के बारे में जानकारी ली। इसी बीच पता चला कि मुख्य आरोपी आटो चालक टोपी युक्त जैकेट धारण करता है। पुलिस ने इस इंदु पर नजर गड़ाई और शुक्रवार के दिन चिन्हिृत किए गए अभिषेक उर्फ छोटू गुप्ता को अपने पास बुलाया। आरोपी से पूछा गया कि कहीं कोई घटना तो नहीं किए हो। इस सवाल का जवाब अभिषेक ने तपाक से दिया कि सर हमारे घर भी मां-बहन हैं। पुलिस को यहीं शक हुआ कि खाली किसी घटना के बारे में पूछने पर वह बहन -बेटी की दुहाई देने लगा , यह बात ही इसके जेहन में क्यों आई और उस पर ढील दे कर सख्त निगहबानी की जाने लगी। उसे कई चक्र थाने बुलाया गया लेकिन वह पुलिस को बरगलाता रहा। शनिवार की शाम जब पीड़िता के सामने उसे प्रस्तुत किया गया और शिनाख्त के बाद थोड़े उपचार के बाद तो उसने अपना जुर्म ऐसे कबूल कर लिया जैसे की बात ही न हो और जो कुछ भी हुआ या किया गया वह सामान्य था ।
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