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मृतक संघ का दावा मानसिक मुर्दों के विरूद्ध चुनाव लड़ेंगे जिन्दा मृतक

आजमगढ़। जिन्दा मृतकों या कागजी मृतकों के संगठन मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी मृतक ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि वे ऐसे जीवित, मृतक उम्मीदवारों को उत्तर प्रदेश के सभी सीटों पर चुनाव लड़ाने जा रहे हैं जिनको सरकारी व्यवस्थाओं के भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों ने परिवार रजिस्टरों, खसरा खतौनियों आदि से मृत घोषित कर दिया है। मृतक ने बताया कि तमाम लोगों को चकबंदी विभाग द्वारा जीते जी मृत घोषित कर दिया गया है और धोखाधड़ी से पीड़ितों के मौलिक अधिकारों के साक्ष्य मिटा कर कागज के कफन में दफन कर जमीनों, मकानों को हड़प् लिया गया है। जिला राजस्व अभिलेखागारों के काली कोठरियों के बंडलों में बंद कर कानूनी न्यायिक प्रक्रिया के मकड़जाल में वर्षों से फंसा दिया गया है। न्याय्यालयों में विलम्ब से निर्णय होने के कारण गांव से शहरों तक झगड़ा, फौजदारी, हत्या व मुकदमों की वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि मैने 1976 से लगभग चालीस वर्षों में हजारों हजार मृत घोषित व्यक्तियों को पुनः जीवित अभिलेखों में कराया और अन्य बचे लाखों पीड़ितों के सामजिक  न्याय और मानव अधिकारों की रक्षा संविधान व न्यायालय के सम्मान में अहिंसा पूर्वक विचारों की क्रांति के अनोखे से संघर्ष जारी हैं। उन्होंने सभी जिलों के जीवित मृतक और धोखाधड़ी से पीड़ितों, बच्चों के भविष्य के लिए मानसिक मुर्दों के विरूद्ध चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की अपील की है। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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