लालगंज/आजमगढ़। अधिवक्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए मंगलवार को एक 10 सूत्री मांग पत्र उप जिलाधिकारी लालगंज जैनेंद्र सिंह के माध्यम से राज्यपाल को दिया। दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेश पाठक ने बताया कि गत दिनो इलाहाबाद में हुई अधिवक्ताओं की महापंचायत में 10 सूत्रीय मांग उत्तर प्रदेश शासन से मांगी गई जिस के समर्थन में आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 का संशोधन निरस्त करने सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 115 को पुनरीक्षणीय बनाने, उत्तर प्रदेश पंजीकरण अधिनियम 1908 में फर्जी बैनामें कोर्ट फीस समाप्त करने, क्रिमिनल कंटेंम्प्टआॅफ कोर्ट में संशोधन कर अधिवक्ताओं को उससे बाहर करने एव्म जूनियर अधिवक्ताओं के लिए प्रेक्टिस प्रारम्भ करने के बाद कम से कम 5 वर्ष तक 5 हजार प्रतिमाह स्टाइपेंड देने , विधि व्यवसायी को विधि व्यवसाय से विरत होने के बाद 10 हजार प्रति माह की पेंशन देने, विधान परिषद में अन्य की तरह कम से कम 10 सीट आरक्षित करने ,उत्तर प्रदेश रा अ 2006 की धारा 34 व 35 में संशोधन कर के आदेश को अपीलीय बनाने की। 2010 के बाद पंजीकृत अधिवक्ताओं को परीक्षा देने हेतु बाध्य न करने तथा उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि की धनराशि को 60 वर्ष से बढ़ाकर अधिवक्ताओं की मृत्यु तक देने संबंधी मांग की गई। इस अवसर पर समर बहादुर सिंह, अमरनाथ यादव, नागेंद्र सिंह ,राणा प्रताप सिंह,विनय चतुवेर्दी, मंतराज, रविंद्र प्रताप चौहान, देवेंद्र नाथ पांडे सहित सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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