आजमगढ़ : जिला अस्पताल आजमगढ़ में जहां एक तरफ मरीजों को डॉक्टर द्वारा बाहर की दवाइयां लिख कर दवा लेने को कहा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ अस्पताल के बाहर भारी मात्रा में सरकारी दवाइयां एक नाले में पड़ी मिली। नाले में बहती दवाओं को देख लोगो की भीड़ लगने लगी। इस मामले में पूछने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना था की जिला अस्पताल में जहाँ हमेशा दवाएं आउट ऑफ स्टॉक रहती हैं ऐसे मैं दवाइयां फेंकने का तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता और यदि इस तरह का मामला है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उनसे जब यह पूछा गया की अस्पताल के गेट के बाहर कोई इतनी मात्रा में दवाइयां फेक कर चला गया और आपको जानकारी नहीं तो उन्होंने कहा कि मेरे घर के सामने भी कोई कुछ कर दे तो उसके लिए मैं क्या कर सकता हूं, फिलहाल यह मामला दुर्भाग्यपूर्ण है। सोचने वाली बात यह है कि जहां एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए दवाओं के नाम पर काफी पैसे खर्च किए जा रहे हैं वहीं अस्पतालों के बाहर इस तरह से दवाइयों का फेका जाना अपने आप में एक प्रश्न चिन्ह लगाता है। ऐसा नहीं है कि आजमगढ़ में यह पहली घटना है इससे पूर्व भी कई बार सरकारी अस्पतालों की दवाइयां गड्ढों नालों और कचरों के ढेर में पड़ी मिली है या फिर जलाई गयी है और हो हल्ला मचने के बाद भी जांच के नाम पर कार्यवाही कुछ भी नहीं हुई। वही अस्पताल में आए मरीजों का यह कहना था कि आए दिन उन्हें दवाओं के लिए बाहर जाना पड़ता है अस्पताल में उन्हें पर्याप्त दवाइयां नहीं मिलती हैं और यहाँ नाले में दवाव फेंकी जा रही है।
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