आजमगढ़। भगवन गणेश का जन्मोत्सव 15 जनवरी रविवार को परम्परागत तरीके से विधिवत मनाया जायेगा जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है। यह जानकारी रामघाट स्थित बड़ा गणेश मंदिर के महंथ राजेश मिश्र ने शुक्रवार को देते हुए बताया कि भगवान् गणेश शिव-पर्वती के पुत्र विध्न विनाशक के रूप पूजित है। इनकी अनेक नामों से अनेक विधियों से उपासना की जाती है। महागणपति, चिन्ता मणि गणपति, हरिद्र गणपति, विनायक, विघ्न विनाशक आदि अनेक नामों से भक्तों द्वारा सम्बोधित किये जाते हैं। विध्न निवारक के रूप में श्री गणेश विख्यात हैं। ये कोई साधारण देवता नहीं बल्कि अनन्त कोटि ब्रहमाण्ड नायक जगत नियन्ता साक्षात ब्रहम स्वरूप है और तैतीस कोटि देवी देवताओं के परम आराध्य है। अग्रपूज्य भगवान गणेश सम्पूर्ण कलेशों का विनाशकर अपने आराधक भक्त की समस्त कामनाओं की पूर्ति करते हुए सिद्धि प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार श्री गणेश का अवतरण माघ मास की चतुर्थी तिथि जिसे संकष्ठी चौथ भी कहते हैं को हुआ माना जाता है। यह दिन भगवान गणेश भक्तों को अतिप्रिय है। मान्यता है की इस दिन इनका षोडशोपचार विधि विधान से पूजन अर्चन करने वाले भक्त के सम्पूर्ण दैहिक, दैविक, भौतिक तापों व कष्टों का निवारण तत्क्षण उनकी कृपा से होता है। श्री मिश्र के अनुसार मंदिर की साफ सफाई एवं साज सज्जा का कार्य किया जा रहा है। 15 जनवरी रविवार के दिन उत्सव पूर्वक प्रात: से ही अभिषेक व पूजन अर्चन कार्य प्रारम्भ हो जायेगा। इस दिन हजारों भक्त अपनी मनोकामनाओं के अनुरूप भगवान् श्री गणेश की पूजा करते है प्रसाद पाकर अपने को धन्य समझते हैं ।
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