आजमगढ़ : पूर्वांचल में व्यापक जनाधार का दावा कर रहे सुहेलदेव भारतिय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को आज बड़ी कामयाबी मिली जब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता के बाद पूर्वांचल की आठ सीटें गठनबंधन के तहत सुहेलदेव भासपा के खाते में चली जाना लगभग तय हो गया । इसमें कभी कांग्रेस और कम्युनिस्ट का गढ रही आजमगढ़ जिले की मेंहनगर आरक्षित सीट भी शामिल बताई जा रही है। हालांकि इस क्षेत्र से एक बार जनसंघ और एक बार भाजपा को सफलता जरूर मिली थी। अब बदलते परिवेश में विधानसभा 2017 के चुनाव में भाजपा-सुहेलदेव भासपा को कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। पिछले दिनों आइटीआइ मैदान में भाजपा की परिवर्तन रैली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ सुहेलदेव भासपा के राष्ट्रीय ओमप्रकाश राजभर ने पूर्वांचल राज्य गठन के बहाने सीटों के बटवारे को लेकर इशारा किया था। आखिर उसमें पूर्वांचल की आठ सीटों पर भाजपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के लिए सुहेलदेव भासपा को सफलता मिल ही गई। मेंहनगर विधानसभा सीट 1952 के बाद 1957 में आरक्षित हो गई। अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में आरक्षण के पूर्व पहले चुनाव में निर्दल तो पांच बार कांग्रेस, दो बार भाकपा, एक बार जनसंघ, एक बार सीपीएम, एक बार बीकेडी, एक बार भाजपा तो दो बार बसपा और दो बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी को भी सफलता मिल चुकी है।
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