आजमगढ़। नोट बंदी के 02 महीने से ज्यादा गुजरने के बाद भी लोगों को बैंकों से निजात मिलती नहीं दिख रही है। मजबूरी में घर-गृहस्ती चलाने वाली गृहणी महिला अपने कार्य भी छोड़कर बैंकों के लाइनों में सुबह ही लग जा रही हैं और जब बैंक से पैसा नहीं मिल रहा है तो महिलाओं का सब्र का बांध टूट जा रहा है। सोमवार को मुबारकपुर यूनियन बैंक में कुछ ऐसा ही घटित हुआ। सुबह से लाइन में लगी सैकड़ों महिलाओं को यह कह कर कि ऊपर से पैसा नहीं आ रहा है तो कहां से पैसा दिया जाए बैंक कर्मचारी बैंक बंद कर बाहर चले गये। इसके बाद महिलाओं का सब्र का बांध टूट गया और मुबारकपुर कस्बे की मेन रोड पर आकर सैकड़ों महिलाओं ने रास्ता जाम कर दिया । महिलाओं के उग्र तेवर यह था की साइकल तो दूर पैदल आने जाने वाले राहगीरों को भी महिलाओं से बहस करते देखा गया । लेकिन बैंक के कर्मचारियों को उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी। सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया और लोगो को समझा बुझा कर किसी तरह जाम को समाप्त कराया। वही समाजसेवी आनंद कुमार चौरसिया ने बैंक के प्रति नाराजगी व्यक्त किया। लोगों को बताया कि वास्तव में पैसा नहीं आया है लेकिन वही महिलाएं शाहिदा खातून, फूलमती, जहांआरा, नूरजहां, अब्दुल तालीब, कौशिल्या आदि महिलाओं का कहना है कि बैंक का कैश आया है लेकिन बैंक कर्मचारी अपने लोगो को पैसा देकर हम लोगों के साथ टाल मटोल कर रहे है।
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