आजमगढ़ : 26 जनवरी को जब पूरा देश गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा था उसी समय भारत मां के वीर सपूतों की टोली बर्फीले तूफान से जंग लड़ रही थी , -30 डिग्री तापमान में दुश्मनो को मुहतोड़ जवाब देने वाले वीर जवान अपार बर्फ के आगे बेबस से हो गए । जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में सेना के 11 जवान जहाँ शहीद हो गए वहीँ 04 का कुछ भी पता नहीं चल रहा है । आज दिन में सेना ने इन शहीद जवानों की सूची जारी की तो आजमगढ़ जनपद के लोग भी स्तब्ध रह गए। इन शहीद जवानों में आजमगढ़ जनपद के सेना में नायक पद पर रहे अजित सिंह भी शामिल है। वह मेहनगर तहसील के जमीरपुर गांव के निवासी हैं। उधर, अजीत सिंह के निधन की खबर पाकर आजमगढ़ में परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। जंगल की आग की तरह यह खबर क्षेत्र में फैलने लगी है। सेना के उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबू ने इस घटना पर दुख जताते हुए शहीद जवानों के परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदना जताई है। बता दें कि 25 जनवरी को हुए एक हिमस्खलन में सेना की गुरेज सेक्टर की एक आर्मी कैंप को नुकसान हुआ था जिसके बाद सेना के जवानों के बर्फ में दब जाने की खबर मिली थी। इस दौरान सेना द्वारा जारी एक रेस्कयू ऑपरेशन में एक जेसीओ और 6 जवानों को बर्फ के नीचे से निकालकर बचा लिया गया था। वहीं एक दूसरे हिमस्खलन में इसी पोस्ट की ओर जा रही सेना की एक पेट्रोलिंग पार्टी के लापता होने की सूचना मिली थी जिसके बाद भारी बर्फबारी औऱ खराब मौसम के बीच सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। खराब मौसम के कारण हो रही दिक्कतों के बीच सेना ने अब तक 11 जवानों के शवों को बरामद किया है। 04 अन्य की तलाश की जा रही है। वहीँ इस आपदा में प्राण न्योच्छावर करने वाले जनपद के लाल अजित सिंह सेना में नायक थे , उनका जन्म 12 जून 1981 को हुआ था ,वह अपने पीछे पत्नी प्रियमपदी सिंह और दो पुत्र आर्यन (09) और प्रताप(07 ) को छोड़ देश की रक्षा में शहीद हो गए। सेना के सूत्रों के अनुसार शहीदों के शव शनिवार तक उनके घर पंहुचा दिए जायेंगे।
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