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रूपये न मिलने से खफा ग्राहको ने किया चक्का जाम, पुलिस को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत





आजमगढ़/लालगंज। प्रधानमंत्री  द्वारा भरस्टाचार व काले धन  पर पूर्णरूपेण अंकुश लगाने के लिए देश से दो बड़ी नोटों एक हजार तथा पांच सौ को करीब तीन सप्ताह पूर्व बन्द तो कर दिया गया। किन्तु इससे ग्रामीणों, किसानों, छा़त्रों व शादी विवाह वाले परिवारों को भारी  मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा आदेश तो दिया गया है कि लड़की या लड़के की शादी विवाह के परिवार को 2 लाख 50 हजार रुपया कागजी कोरम पूर्ण करने वाले परिवार को तुरन्त भुगतान  किया जाय। परन्तु लालगंज क्षेत्र के किसी भी  बैंक द्वारा शादी विवाह वाले परिवार को भुगतान  नहीं किया जा रहा है। बैक प्रशासन के रवैये से क्षेत्र के ग्रामीणों, किसानों मे रोष भी  बढता जा रहा है जो इसी प्रकार यथावत रहा तो कानून व्यवस्था के लिये गंभीर समस्या बन  सकता है। काशी गोमती संयुक्त क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक लालगंज की शाखा मे एक सप्ताह से कैश न मिलने से गुरूवार को ग्रामीणों के डर के कारण बैंककर्मी 12 बजे तक बैंक खोलने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके। शुक्रवार को ग्रामीण बैक द्वारा दो-दो हजार रुपये प्रत्येक व्यक्ति को देते पाया गया। एचडीएफसी बैंक द्वारा अपने खाताधारकों को एकमुश्त 24 हजार रूपए तक का भुगतान  किया जा रहा है। स्टेट बैंक आफ इण्डिया द्वारा खाताधारकों को 10 हजार व विशेष परिस्थितियों शादी विवाह के खाताधारकों को 24 हजार देने की जानकारी मिली। यूनियन बैंक आफ इण्डिया, बैंक आफ बड़ौदा, यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारकों को एक, दो या तीन हजार रुपए का भुगतान  किया जाता रहा। जिससे ग्रामीणों, किसानों को जुताई बुवाई आदि मे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूरे देश मे 500 व 1000 रुपए की नोटबंदी के बाद सरकार कैशलेस बैंकिग सेवा देना तो चाहती है परन्तु बैंकों मे कैश न होने के परिणामस्वरूप बैंकों पर भार  बढती ही जा रहां  है। क्योंकि यहां अभी  कैशलेस व्यवसाय के लिये न कोई जागरूकता है न ही ऐसा नेटवर्क कि लोग विदेशों के तर्ज पर  है की यहां बैंकिंग सेवा अचानक शुरू कर सकें। किसानों, अधिवक्ताओं, ग्रामीणों, व व्यवसायियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र की बैंकिंग सेवा 5/6 घंटे से बढ़ा कर अविलम्ब 14 से 16 घंटे कर दी जाये तथा नेटवर्कों पर विशेष ध्यान दिया जाये तो शायद विदेशों की तर्ज पर बैंकिंग  का कार्य किया जा सके। लालगंज मे वर्तमान मे 10 एटीएम मशीने तो लगायी गयी हैं किन्तु इस समय नकदी की किल्लत के कारण वर्तमान समय तीन से चार एटीएम ही कुछ हद तक चल पा रहे हैं शेष केवल शोपीस बने हुये हैं। इसी प्रकार क्षेत्र के बैंको की स्थिति यह है कि बकौल शाखा प्रबंधक एसबीआई बहादुरपुर अजीत कुमार जायसवाल नोटबंदी के बाद से अबतक बहादुरपुर शाखा मे कुल नौ करोड़ एक हजार तथा पांच सौ की पुरानी नोटें जमा की जाचुकी हैं। जबकि साढे चार करोड़ रुपए यहां से खाताधारकों को दिये जाचुके हैें। सबसे मजेदार बात तो यह है कि अब तक दिये गये रूपयों मे नई नोटें ग्राहकों के माध्यम से बैंकों मे नहीं आरही हैं। साथ ही सौ रुपए से नीचे के कोई नोट अबतक बैंक मे ग्राहकों के माध्यम से नहीं पहुंचे हैं। गुरूवार व शुक्रवार को सर्वर डाउन की समस्या से पैसों का लेनदेन पूरी तरह प्रभावित  रहा। लालगंज क्षेत्र मे इस समय जहां कोहरे की मार से जनता त्रस्त अपने घरों मे सुकड़कर सोया करती थी वहीं नोटबंदी के बाद इन्हें बैंकों के समक्ष लाइन मे लगने को विवश होना पड़ रहा है। कोहरे की धुंध  मे ठिठुर रहे लोगों  को देखकर ऐसा लगता है जैसे जीवन ठहर सा गया है। लोग परेशान हैं कि ठंड से कैसे बचा जाये किन्तु इसी मध्य खाली जेब लेकर जब वह एटीएम पहुंचते हैं तो एटीएम भी खाली ही मिल रहे हैं। थक हार कर लोग बैंकों के बाहर लाइन मे लगकर ही पैसे निकालने की जुगत मे लग जारहे हैं। विकलांग हों या सामान्य महिला व पुरूष सभी  को लगी लाइनों के मध्य बस एक ही मलाल है कि पैसा पर्याप्त मिल जाता तो लाइन मे पुन: नहीं लगना पड़ता। बोंगरिया प्रतिनिधि के अनुसार: तरवां थाना क्षेत्र के रासेपुर यूबीआई बैंक के सामने ग्रामीणों ने चिरैयाकोट खरिहानी मार्ग पर लकड़ी का गुटका रख कर चक्का जाम कर के बैंक के खिलाफ जमकर हंगामा किया। बैंक ग्राहकों का आरोप था कि हम लोग सुबह 4:30 बजे से लाइन में लग गए थे। हमारा नं0 आया तो पता चला कि कैश खत्म हो गया है। जबकि आम आदमी के लिए लाइन है और वीआईपी वाले अन्दर घुसकर पैसा ले जा रहें हैं। हम लोगो को कुपन दिया गया लेकिन उस कूपन का कोई मतलब है। यहां पर भूखे  प्यासे रहकर लाईन लगाये हुए है। तीन तीन दिन से लाईन लगाये हुए है। लेकिन हम लोगो को पैसा नही निल पा रहा किसी का विवाह तो किसी कि तबियत खराब है। तो किसी का खेतो की जुताई तो किसी का बुवाई बाधित है। हंगामे के साथ ही 11:30 बजे के करीब ग्राहकों ने  बैंक के सामने ही चिरैयाकोट से खरिहानी मार्ग को अवरुद्व कर दिया। लगभग  डेढ़ घंटे  तक मार्ग बंद रहने के बाद पुलिस के मान मनव्वल  के बाद 01  बजे अपने आप जाम समाप्त हुआ। वही रासेपुर के बैक मैनेजर प्रकाश कुमार बादल ने कहा कि आज बैक में पैसा ही नही आया हैं जो भी  बैंक में पैसा आ रहा हैं हम लोग लाईन लगवा कर बितरण कर रहे है। हम किसी •ाी वीआई पी को पैसा नही दे रहे यह आरोप गलत है। पैसा न होने के कारण लोग परेशान भी  है। सगड़ी प्रतिनिधि के अनुसार: सगड़ी तहसील में स्थित पोस्ट आॅफिस की क्षेत्रीय हेड ब्रांच स्थित है जिसके अंतर्गत क्षेत्र के छह ब्रांच सम्मलित है, जिस पर हजारों लोगों की निर्भरता  है वहीँ नोटबन्दी से उपजी समस्या के समाधान में भी  सहयोग मिलता किन्तु क्षेत्रीय लोगोँ को पैसे की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। वही परेशान उप•ोक्ता आए दिन पैसों के लिए बैंक के सामने सड़क जाम कर रोष प्रकट कर रहे हैं। केंद्र सरकार के निदेर्शानुसार पोस्ट आॅफिस से धन मिलने की व्यवस्था की गई है किन्तु व्यवहारिक दृष्टिकोण से तो पोस्ट आॅफिस से धन का लेन.देन नही हो रहा है यदि होता तो बैंकों से भीड़  कम होती और  लोग आसानी से व्यवस्थित होते। पोस्ट आॅफिस के सहायक पोस्ट मास्टर राम सिंह यादव ने बताया नोट बंदी के इन 24 दिनों के बीच नोट बंदी के 24 दिनों के बीच एक दिन मात्र पैसा आया हुआ था जिस में फटी हुई 10 10 की नोटों की गड्डी आई थी इसके उपरांत हम बार.बार प्रयास करते रहें कि अब तक धन आवंटित जिले से नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से हम बभी  परेशान है। बैंक के कर्मचारी लक्ष्मीचंद डाक सहायक ने कहा कि हमारी भी  सैलरी नहीं मिलने से हम परेशान हैं व अपनी सैलरी न मिल पाने से रोटी के लाले पड़े हुए हैं, केंद्र सरकार के निदेर्शों के बावजूद भी  केंद्रीय एजेंसी पोस्ट आॅफिस से हजारों लोगों की सैलरी, पेंशन व नियमित लेनदेन करते है किन्तु धन न मिलने से लोग परेशान हैं । वही धन के लिए असलम खान,सूर्यभान यादव, रिजवान खान, बाल गोविंद चौहान अपने दिनचर्या हेतु परेशान रहे व इस समस्या का समाधान निकलता नहीं दिख रहा है।
मुबाकरपुर प्रतिनिधि के अनुसार: मुबारकपुर रोडवेज पर स्थित स्टैट बैक आफ इण्डिया शाखा सलारपुर लिंक ब्राच पर सुबह से लाईन मे लगे उपभोक्ताओं  का तीन बजे धैर्य टुट गया और मुबारकपुर-सठियाव मार्ग को जाम कर दिया। लगभग एक घण्टे तक जाम सडक जाम रही । मुबाकरपुर थानाध्यक्ष सन्तलाल यादव व चौकी प्रभारी  अनिरुद्ध कुमार सिंह ने पहुंचकर समझा बुझाया और शाखा प्रबन्धक से बात कर उन्हे धनराशि देने को कहा। शाखा प्रबन्धक द्वारा काफी कम  रुपए देने असन्तुष्ट लोगों द्वारा पुनः  जाम कर दिया गया । फिर से पुलिस ने लोगों  को समझाते हुए पुन धनराशि बढाकर शाखा प्रबन्धक को देने को कहा। तब जाकर लोग माने रोड जाम से दोनों तरफ वाहनों की लम्बी लम्बी कतारे दोनों तरह लग जाने से आवागमन बाधित रहा। लिक ब्रांच के शाखा प्रबन्धक धन्जय त्रिपाठी ने बताया कि मुबारकपुर मेन ब्राच पर नकदी न होने से कॅश  नही मिल रहा है। आज मात्र दस हजार रुपए मिला है उसके सापेक्ष उपभोगताओं  की सख्या सैकडो मे है ऐसे मे क्या करे। दो लाख आबादी वाला रेशम नगरी बुनकर बाहुल्य क्षेत्र मुबारकपुर में दर्जनों विभिन्न  बैंकों के एटीएम लोहे के डब्बे की तरह शो पीस बनकर लोगों को नोट बन्दी के मुसीबत में मांगने पर पैसा तो फेंक रही है मशीन धड़ाधड पर्ची फेंक रहा है। स्टेट बैंक के सामने तो शुक्रवार को रोडवेज स्थित काशी गुमती ग्रामीण बैंक और एचडीएफ सी बैंक के सामने सड़क जाम कर सरकार और बैंक के प्रति लोगों ने जमकर भदश  निकाली जिसपर स्थानीय पुलिस ने समझा बुझा कर मामले को शांत कराया। 





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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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