आमगढ़। सूर्योपासना का जनप्रिय कठिनव्रत पर्व डाला छठ का दिन ज्यों-ज्यों दिन करीब आ रहा है। परिवारों की माताओं बहनों के साथ-साथ परिवार के सारे लोग तैयारियों में जुट गये है। तमसा तट के घाटों पर बेदी बनाने के लिए स्थान की तलाश जारी है। परन्तु तमसा तट के दलालघाट एवं गौरीशंकर घाट सहित अनेक स्थलों पर फैली गंदगी से लोग चिन्तित हैं। गौरतलब है की डाला छइ व्रत डूबते सूर्य के अर्ध्य के साथ पर्व के रूप में मनाया जाता है जो उगते सूर्य के अर्ध्य के साथ व्रत की पूर्णाहुति होती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्टम तिथि को पड़ने वाला छठ व्रत संतान कामना उनकी रक्षा के साथ सुख समृद्धि के लिए किया जाता है। ऐसा मानना है कि इस कठिन व्रत से लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है। इस वर्ष यह व्रत 6 नवम्बर का प्रारम्भ हो रहा है जो 7 नवम्बर को पूर्ण होगा। इस व्रत पर्व की तैयारी के लिए आवश्यक पूजा सामग्रियों की खरीददारी शुरू हो गयी है। फल-फूल, मिटटी के बर्तनों की दुकानों सहित छठ पूजा की सामग्रियों की दुकानें सज गयी हैं। स्त्री पुरूष खरीददारी करते देखे जा रहे हैं।
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